Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
देशभर में लागू लॉकडाउन के कारण केंद्र और राज्य सरकारों ने स्कूल-कॉलेज बंद कर रखे हैं। ऐसे में बच्चों को राहत देने और पढ़ाई शुरू करने के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने नया फार्मूला तैयार किया है। पीढ़ियों से चली आ रही स्कूली व्यवस्थाओं में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। पाठ्यक्रम, छुट्टी, कक्षाओं का समय, परीक्षा, टेस्ट और हाफ-डे तक की व्यवस्थाएं बदली जाएंगी।
नई व्यवस्था के तहत बच्चे ऑड-ईवन नंबरों के आधार पर स्कूलों में जाएंगे। पढ़ाई के दिन कम हो जाएंगे, जिसके लिए सीबीएसई ने सिलेबस में कटौती करने का फैसला लिया है। जानकारी मिल रही है कि सीबीएसई अपने स्कूलों को 15 जुलाई के बाद खोलने का आदेश जारी कर सकता है।
कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में बदलाव देखने को मिल रहे हैं। स्कूलों और शिक्षा क्षेत्र पर भी इसका व्यापक असर पड़ा है। जिससे बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। सीबीएसई ने फैसला किया है कि 15 जुलाई के बाद स्कूलों को खोल दिया जाएगा, लेकिन इसके लिए बड़े स्तर पर परिवर्तन किए जाएंगे। मसलन, बच्चे ऑड-ईविन नंबर के पैटर्न पर स्कूल जाया करेंगे। इससे सप्ताह में एक बच्चा 3 दिन स्कूल जाकर क्लास करेगा। बाकी 3 दिन वह अपने घर पर रहकर ऑनलाइन पढ़ाई करेगा। रविवार को सभी का अवकाश रहेगा। अभी तक शनिवार के दिन हाफ-डे रहता था। अब हाफ-डे का सिस्टम खत्म कर दिया जाएगा। शनिवार को भी पूरे दिन पढ़ाई होगी। यह व्यवस्था कक्षा एक से लेकर कक्षा बारहवीं तक के सभी छात्र-छात्राओं के लिए लागू की जाएगी।
25-30 फीसदी सिलेबस छोटा किया जाएगा
बच्चे केवल आधे समय कक्षाओं में शामिल होंगे। पढ़ाई का समय कम मिलेगा। इसे ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने पाठ्यक्रम घटाने का फैसला लिया है। कक्षा एक से 12वीं तक का सिलेबस 25 से 30 फीसदी तक कम किया जा सकता है। अब शनिवार को हाफ-डे की बजाय
फुल क्लासेस लगाई जाएंगी। स्कूल जुलाई से खुल सकते हैं। सिलेबस पूरा करने के लिए कम समय मिलेगा। लिहाजा, सिलेबस 30% तक कम करेंगे। एक किताब में अगर 20 लेसन हैं तो अब केवल 16 लेसन ही पढ़ाए जाएंगे। उन्हीं 16 लेशंस में से परीक्षाएं ली जाएंगी।
होमवर्क नोट नहीं किया जाएगा, प्रिंटेड वर्कशीट मिलेंगी
अभी क्लासेस में होमवर्क नोट कराने के लिए करीब 10 मिनट का समय व्यतीत हो जाता है। इस समय का सदुपयोग पढ़ाई में करने के लिए होमवर्क नहीं दिया जाएगा। अब अध्यापक प्रिंटेड शीट पर होमवर्क लेकर आएंगे। प्रिंटेड शीट छात्रों को बांट दी जाएंगी। इससे क्लास में करीब 10 मिनट का समय बच जाएगा।
शनिवार-रविवार को भी क्लासेज लगाई जाएंगी
अब जरूरत पड़ने पर कोर्स पूरा करवाने के लिए रविवार को भी क्लासेस लगाई जाएंगी। अभी तक शनिवार को हाफ-डे रहता था। अब शनिवार का हाफ-डे खत्म कर दिया जाएगा। शनिवार को भी पूरे दिन पढ़ाई करवाई जाएगी। अगर अगस्त में क्लासेज शुरू होती हैं तो अगले 7 महीने के दौरान 28 शनिवार आएंगे। हाफ-डे की बजाय फुल डे क्लासेस लगाने पर इससे तीन पीरियड प्रत्येक शनिवार को बढ़ जाएंगे। इस तरह 84 पीरियड पूरे 7 महीने में बढ़ेंगे। अगर रविवार को भी क्लासेस लगाई जाती हैं तो 168 पीरियड बढ़ जाएंगे। जिससे कोर्स पूरा करने में बड़ी आसानी होगी।
सोशल डिस्टेंशिंग का पूरा ख्याल रखा जाएगा
कक्षाएं चलाने के लिए स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाएगा। इसके लिए एक सेक्शन का कोई भी स्टूडेंट दूसरे सेक्शन में नहीं जाएगा। अपनी क्लास में स्टूडेंट एक बेंच पर केवल एक ही बैठेगा। दो बैंच की दूरी करीब डेढ़ फिट होगी। मॉर्निंग असेंबली के लिए ग्राउंड में गोले बनाए जाएंगे। गोलों के बीच की दूरी करीब डेढ़ मीटर रहेगी। बच्चे एक-दूसरे दूसरे का हाथ पकड़कर नहीं चलेंगे। मास्क क्लब पहनना अनिवार्य होगा।
सैनटाइजेशन की पूरी व्यवस्था रखेगा स्कूल
स्कूल प्रबंधन को सैनिटाइजेशन का पूरा ध्यान रखना होगा। स्कूल बसों को रोज सैनिटाइज किया जाएगा। बस में भी केवल आधी सीटों पर बच्चे बैठेंगे। एक सीट पर बराबर-बराबर दो बच्चे नहीं बैठेंगे। क्लासेज में बैंच, बोर्ड और दूसरा सामान रोज सैनिटाइज किया जाएगा। प्रत्येक क्लास रूम में सैनिटाइजर का इंतजाम किया जाएगा। कोशिश की जाएगी कि बच्चे स्कूल में पानी का उपयोग न करें। बच्चों को अपने घर से ही अपने लिए पानी की बोतल लानी होंगी। शौचालयों को दिन में कम से कम 3 बार सैनिटाइज किया जाएगा।