Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
कोरोनावायरस के कारण आर्थिक गतिविधियों और अर्थव्यवस्था पर बड़ा नुकसान देखने को मिलेगा। अभी तो यह महामारी चल ही रही है लेकिन विशेषज्ञ इसका अंदाजा लगाने लगे हैं। सबसे बुरा असर दिल्ली-एनसीआर समेत देश के रियल एस्टेट सेक्टर पर पड़ने वाला है। पहले ही आर्थिक मंदी से बुरी तरह जूझ रहे रियल एस्टेट सेक्टर की कमोबेश कमर ही टूट जाएगी। एक अनुमान के मुताबिक आने वाले वक्त में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त 35 से 64 फ़ीसदी तक गिर सकती है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरों को ही उठाना पड़ेगा।
प्रोपर्टी मामलों पर शोध और सर्वे करने वाली कंपनी एनरॉक ने बुरी खबर दी है। कम्पनी के एक नए सर्वे के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इस साल देश के बड़े शहरों में घरों की बिक्री में 35 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। इनमें दिल्ली-एनसीआर के नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद भी शामिल हैं। इनके अलावा मुंबई महानगर क्षेत्र, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद में प्रॉपर्टी बाजार की हालत खराब होने वाली है।
कंपनी ने एक रिपोर्ट में कहा है कि व्यावसायिक संपत्तियों की बिक्री पर भी इसका बड़ा असर देखने को मिल सकता है। रिपोर्ट के अनुसार पट्टे पर कार्यालय लिये जाने की गतिविधियों में 30 प्रतिशत तक की और खुदरा क्षेत्र में 64 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। एनरॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ''नरम मांग तथा नकदी की खराब स्थिति से पहले से ही जूझ रहे भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र पर कोविड-19 के कारण भी प्रतिकूल असर देखने को मिल सकता है।
प्रॉपर्टी विशेषज्ञों का कहना है कि अगले छह महीनों में पूरी तरह से मजदूरों की वापसी होने के साथ ही बिल्डरों के लिए ताजा आर्थिक हालात में फंड जुटाना एक समस्या है। ऐसे में बिल्डरों की तरफ से देरी होगी। कुल मिलाकर प्रोजेक्ट की डिलिवरी में एक साल का समय और लगेगा। ऐसे में डेवलपर्स को सरकार की ओर से रियायत देने की मांग बढ़ रही है।