अफसरों पर एक्शन लेने से पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के होते हैं ये दो शब्द

Tricity Today | Yogi Adityanath



यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को एक सख्त प्रशासक के रूप में जाना जाता है। वह बैठकों में बेहद गम्भीर और अनुशासित रहते हैं। कोरोना वायरस के तेजी से आए मामलों बाद गौतम बुद्ध नगर में समीक्षा करने आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लापरवाही बरतने पर डीएम बीएन सिंह को कड़ी फटकार लगाई। लेकिन, बीएन सिंह ऐसे पहले नौकरशाह नहीं हैं, जिन्हें योगी के गुस्से का इस तरह से सामना करना पड़ा है।

ऐसे कई मौके आए जब यूपी के सीएम ने गलतियां, खामियां या फिर उचित कार्यवाही नहीं करने पर सीनियर अधिकारियों की खिंचाई की है। साल 2017 में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने और योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके सुशासन का यही स्टाइल है।

इस साल जनवरी में नागरिकता संशोधन कानून पर लखनऊ में भड़के दंगे के बाद योगी आदित्यनाथ ने सार्वजनिक तौर पर कमिश्नर और लखनऊ के आईजी को फटकार लगाते हुए कहा था कि कोई कदन न उठाकर आपने हमें शर्मसार कर दिया। योगी ने दोनों को पर्याप्त कदम न उठाने की बात कहते हुए कहा कि दंगा रोकने में उन्होंने लापरवाही दिखाई।

सख्ती से प्रशासनिक कार्य लेने के लिए जाने जाने वाले योगी ने बांदा के डीएम को ट्रांसफर करने के आदेश देने से पहले कहा था कि वह जानते हैं कि ऑफिसर क्या थे और व्यवहार बदलने के लिए चेताया गया था। प्राय: ऐसी मीटिंग्स में वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री के साथ उनके प्रिंसिपल सेक्रेटरी एसपी गोयल और राज्य के चीफ सेक्रेटरी आरके तिवारी होते हैं।

उन्होंने बरेली के एक सीनियर पुलिस ऑफिसर और एक अन्य एसपी को भ्रष्टाचार पर कहा था कि वे उनके हर घंटे के बारे में जानते हैं। योगी के आखिरी कार्रवाई से पहले उनके दो शब्द होते हैं, ‘सुधर जाओ’।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले नोएडा में आए हैं। आज इसी को दखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौतमबुद्ध नगर जिला पहुंचे और उन्होंने बैठक की। इस दौरान सीएम योगी ने जिलाधिकारी के पद पर तैनात बीएन सिंह को जमकर फटकार लगाई।

बैठक का वीडियो सामने आया है जिसमें मुख्यमंत्री कह रहे हैं, ''बकवास बंद कीजिए। आप लोगों ने बकवास करके माहौल खराब किया है। जिम्मेदारी निभाने की बजाय, एक दूसरे पर जिम्मेदारी टालने की कोशिश की है।'' उसके बाद डीएम का तबादला कर दिया गया और विभागीय कार्रवाई की बात कही गई है। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फटकार के बाद बीएन सिंह ने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर कहा कि मुझे तीन महीने की छुट्टी पर भेज दिया जाए।

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