Tricity Today की खबर का बड़ा असर, यमुना प्राधिकरण में 12 वर्षों से जमे इंजीनियर हटेंगे

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Yamuna Authority में 12-12 वर्षों से जमे इंजीनियरों को उनके विभाग में वापस भेजा जाएगा। प्रतिनियुक्ति पर आए इन इंजीनियरों के बदले आवास विकास परिषद से पांच अन्य इंजीनियर मांगे जाएंगे। इसको लेकर यमुना प्राधिकरण ने सोमवार को उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद को पत्र लिखा है। आपकी पसंदीदा न्यूज वेबसाइट ट्राईसिटी टुडे ने रविवार को यह मुद्दा उठाया था। जिस पर यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुण वीर सिंह ने संज्ञान लिया है।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के 5 इंजीनियर यमुना प्राधिकरण में 12 वर्षों से जमे हुए हैं। जबकि, प्रतिनियुक्ति पर अधिकतम पांच वर्ष तक रुका जा सकता है। इसको लेकर ट्राईसिटी टुडे ने रविवार की प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। इंजीनियरों को लेकर ग्रेटर नोएडा के निवासी रविंद्र शर्मा ने उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के आयुक्त और शासन से शिकायत की है। इसके बाद यमुना प्राधिकरण ने इन इंजीनियरों को हटाने की तैयारी कर ली है। 

प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुण वीर सिंह ने बताया कि यहां पर स्टाफ की कमी है। लेकिन अब इन पांच इंजीनियरों को हटाया जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद को पत्र लिखेंगे। साथ ही इनके बाद दूसरे पांच इंजीनियरों की मांग करेंगे ताकि काम प्रभावित ना हो। गौरतलब है कि इस मुद्दे पर ट्राइसिटी टुडे ने उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के कमिश्नर अजय चौहान से भी बात की थी। अजय चौहान ने कहा था कि वह लगातार यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को पत्र लिखकर अपनी इंजीनियर वापस मांग रहे हैं। लेकिन न जाने किन्ही कारणों से इंजीनियरों को वापस नहीं भेजा जाता है।

दूसरी ओर रविंद्र शर्मा की ओर से की गई शिकायत में इन इंजीनियरों पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इंजीनियरों पर भ्रष्टाचार करने और बड़े ठेकेदारों के साथ मिलीभगत करने के आरोप हैं। यह भी आरोप है कि यह लोग खुलेआम कहते हैं, उन्हें यहां से कोई हटाने वाला नहीं है। प्राधिकरण की टेंडर प्रक्रिया में भी मनमाफिक ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जाती है। रविंद्र शर्मा ने शासन से इन इंजीनियरों की संपत्ति की जांच करवाने की मांग भी की है। उनका कहना है कि पिछले 12 वर्षों के दौरान इन इंजीनियरों ने ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में तैनात रहते हुए अकूत संपत्ति एकत्र की हैं।

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