Google Image | प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया केंद्रीय विश्वविद्यालय में चार नए संकायों में अध्ययन-अध्यापन के लिए अनुमति मिल गई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी की पुरानी मांग को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय में चार नए संकायों में अध्ययन-अध्यापन की मंजूरी दे दी है। इन संकायों में अध्ययन-अध्यापन की शुरुआत इसी शैक्षणिक सत्र (2020-21) से हो जाएगी। जिन चार नए संकाय की मंजूरी दी गई है, उसमें डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेन लैंग्वेजेज, डिपार्टमेंट ऑफ हॉस्पिटल मैनेजमेंट एंड हॉस्पाइस स्टडीज, डिपार्टमेंट ऑफ एनवायर्नमेंटल साइंसेज और डिपार्टमेंट ऑफ डिजाइन एंड इन्नोवेशन शामिल हैं।
हालांकि एक संकाय, डिपार्टमेंट ऑफ डिजाइन एंड इन्नोवेशन के अध्ययन-अध्यापन के लिए अभी विश्वविद्यालय को थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। विश्वविद्यालय को यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन के संबंधित विभाग से इस संकाय में अध्यापन कार्य शुरू करने संबंधी सभी आदेश नहीं मिल पाए हैं। जामिया मिल्लिया इस्लामिया केंद्रीय विश्वविद्यालय देश के प्रमुख शैणक्षिक संस्थानों में से एक है। विश्वविद्यालय की तरफ से काफी लंबे वक्त से इन संकायों में अध्ययन-अध्यापन के लिए मंजूरी की मांग की जा रही थी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की तरफ से पहले ही इस मांग पर अमल करने की बात कही गई थी, पर कोविड-19 की वजह से बिगड़े हालातों के चलते इसमें देरी हो गई थी।
28 प्रोफेसरों की होगी नियुक्ति
चार नए संकायों में शैक्षणिक गतिविधियां शुरू करने के लिए विश्वविद्यालय में 28 नए प्रोफेसरों की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन के मानकों के तहत विज्ञापन निकाला जाएगा। विज्ञापन के जरिए योग्य प्रोफेसरों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। उसके बाद चयन प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
कोरोना महामारी की वजह से शैक्षणिक सत्र शुरू करने में पहले ही देरी हो गई है। इसलिए विश्वविद्यालय प्रबंधन नए प्रोफेसर की नियुक्ति में विलम्ब नहीं करना चाहता। नई नियुक्ति से संबंधित प्रक्रियाएं तेजी से पूरी की जा रही हैं। ताकि, समय रहते चयन और नियुक्ति का काम पूरा किया जा सके।
बेहद अहम हैं नए संकाय
जामिया मिल्लिया इस्लामिया केंद्रीय विश्वविद्यालय में जिन नए संकायों की अनुमित मिली है, वो बेहद खास हैं। तकनीकी के इस दौर में समूचा संसार एक घर बन गया है। ऐसे में दूसरों की भाषा जानना-समझना बेहद अहम हो जाता है। हालांकि पिछले तीन दशकों में भारतीयों ने कई विदेशी भाषाओं पर अच्छी पकड़ बना ली है, पर मौजूदा परिदृश्य में ये नाकाफी है। ऐसे में विदेशी भाषा का ज्ञान अर्जित करने के इच्छुक छात्रों के लिए विश्वविद्यालय का यह संकाय मददगार साबित होगा।
इसी तरह डिपार्टमेंट ऑफ हॉस्पिटल मैनेजमेंट एंड हॉस्पाइस स्टडीज भारतीय युवाओं को स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से निपटने के गुर सिखाएगी। पर्यावरण संबंधी चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं। पृथ्वी पर प्रदूषण का कहर बढ़ता जा रहा है। कई खास जीवों के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसे में पर्यावरण संबंधी दुष्वारियों से निपटने के लिए युवाओं को डिपार्टमेंट ऑफ एनवायर्नमेंटल साइंसेज की जरूरत है।
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