Google Image | प्रतीकात्मक फोटो
यमुना एक्सप्रेस वे पर सफर करने वाले यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। एक्सप्रेस वे पर जल्दी ही फास्ट टैग लागू कर दिया जाएगा। लॉकडाउन के दौरान नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने अपने सभी नेशनल हाईवे और एक्सप्रेस वे पर फास्टैग लागू कर दिया है, लेकिन यमुना एक्सप्रेस वे पर यह व्यवस्था लागू नहीं की गई थी। मंगलवार को यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कंपनी को यह आदेश दिया है।
मंगलवार को यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के बोर्ड रूम में मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुण वीर सिंह के साथ एक्सप्रेस वे का संचालन करने वाली कंपनी के शीर्ष प्रबंधन की बैठक हुई। डॉक्टर अरुण वीर सिंह ने कंपनी को आदेश दिया है कि वह जल्दी से जल्दी फास्ट टैग व्यवस्था लागू करें। एक्सप्रेस-वे पर होने वाले हादसों को रोकने के लिए दिल्ली आईआईटी ने करीब एक साल पहले सुझाव दिए थे। उन पर अब तक अमल नहीं किया गया है। आईआईटी के सुझावों पर अमल करने का आदेश दिया गया है। इसके लिए सीईओ ने एक साल का समय तय कर दिया है।
इस बैठक में विकास प्राधिकरण के अलावा नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी), नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) और जेपी इंफ्राटेक कंपनी के प्रतिनिधि भी शामिल रहे। सीईओ ने यमुना एक्सप्रेस वे पर फास्टैग तत्काल लागू करने को कहा है। उन्होंने कहा कि फास्टैग न होने से कैश के चक्कर में वाहनों को टोल पार करने में ज्यादा वक्त लगता है। इससे कतार लग जाती हैं। फास्टैग लागू होने के बाद कतार नहीं लगेगी। निजी हाइवे होने के कारण इस पर अभी तक फास्टैग लागू नहीं किया गया है। इंटरचेंज और रैंप से एक्सप्रेस वे पर चढ़ने वाले वाहनों की पर्ची काटी जाएगी। जिसमें उनके आने का समय लिखा होगा। वे अगर तय गति सीमा का उल्लंघन करते हैं तो आसानी से पता चल सकेगा और उनका चालान हो सकेगा।
एक्सप्रेस वे पर जीरो एक्सीडेंट पॉलिसी पर अमल किया जाए
यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसे खत्म करने के लिए सभी जरूरी कदम शीघ्र उठाने के निर्देश मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने दिए हैं। सीईओ ने कहा कि आईआईटी की रिपोर्ट में 25 उपायों को लागू करने का सुझाव है। उन सारे सुझावों को सितंबर 20121 तक हर हाल में लागू किया जाना चाहिए। इस परियोजना पर 140 करोड रुपए खर्च होंगे। जिसमें से 90 करोड़ रुपये क्रैश बीम लगाने पर खर्च आएंगे। बाकी उपाय लागू करने के लिए 50 करोड रुपए खर्च करने पड़ेंगे। इन कार्यों में लेन मार्किंग, कर्व स्टोन पेंट, रिफलेक्टिव टेप और वायर फेंसिंग आदि शामिल हैं।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कंपनी को आदेश दिया है कि वह ओवर स्पीडिंग के सारे मामलों की रिपोर्ट हर महीने की आखिरी तारीख को सौंपेगी। परिवहन विभाग ऐसे वाहनों का चालान काटेगा। अगर कोई चालक बार-बार और स्पीडिंग का नियम तोड़ रहा है तो उसके लाइसेंस को रद्द किया जाएगा। ऐसे वाहन को यमुना एक्सप्रेसवे पर ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा।
यमुना एक्सप्रेस वे पर नहीं लगेगी लाइट, योगी आदित्यनाथ ने दिया था आदेश
मुख्यमंत्री ने ग्रेटर नोएडा से आगरा तक यमुना एक्सप्रेस वे पर स्ट्रीट लाइट लगाने को कहा था। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने सीएम के इस आदेश पर जेपी इंफ्राटेक कंपनी को इस पर राजी कर लिया, लेकिन आईआईटी ने पूरे एक्सप्रेस वे पर लाइट नहीं लगाने का सुझाव दिया है, जिसके चलते एक्सप्रेस वे के इलेक्ट्रिफिकेशन को फिलहाल टाल दिया गया है।
कंपनी का टोल बढ़ाने का प्रस्ताव सीईओ ने खारिज किया
प्रबंधकर्ता कंपनी की तरफ से यमुना एक्सप्रेसवे पर टोल बढ़ाने की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन विकास प्राधिकरण के सीईओ ने यह कहते हुए मना कर दिया कि सबसे पहले प्रथम चरण के सुरक्षा उपायों पर अमल करने के लिए 30 करोड़ रुपये एस्क्रो खाते में जमा किए जाएं। उसके बाद टोल बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।