गुर्जर महापंचायत से जुड़ी बड़ी खबर, राजस्थान सरकार को बस एक नवंबर तक का वक्त दिया, जानिए पूरा मामला

देश | 4 साल पहले | Rakesh Tyagi

Google Image | गुर्जर महापंचायत



गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने शनिवार को बयाना में महापंचायत की है। उनकी आरक्षण संबंधी मागों को मानने के लिए राजस्थान सरकार को एक नवंबर तक का समय दिया गया है। इस दौरान पूरे जिले में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। बयाना के अड्डा गांव में आयोजित महापंचायत में समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा, "समाज एक नवंबर तक सरकार की कार्रवाई का इंतजार करेगा, उसके बाद भी अगर मांगों पर काम नहीं हुआ तो वह आंदोलन करेगा।" उन्होंने कहा कि हम शांति से अपना हक चाहते हैं।

कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा, "खेतीबाड़ी के काम और त्योहारी सीजन को देखते हुए हमने एक नवंबर तक का समय रखा है।" उन्होंने कहा, 'सरकार को भी एक नवंबर तक का समय मिल गया है। उसके बाद भी अगर मांगों पर काम नहीं हुआ तो समाज आकर पटरी पर बैठ जाएगा।' सरकार की ओर से आला अधिकारियों से बातचीत के बारे में उन्होंने कहा, "अधिकारी कोई ठोस प्रस्ताव लेकर नहीं आए। जबकि हम चाहते हैं कि हमारी मांगों पर काम हो।"

उल्लेखनीय है कि गुर्जरों की इस महापंचायत को देखते हुए बयाना और भरतपुर में चौकसी बढ़ा दी थी। आला अधिकारियों को सचेत रहने को कहा था। जयपुर से आईएएस अधिकारी नीरज पवन भी बैंसला से मिले थे और वार्ता की पेशकश की थी। कई इलाकों में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया था। समिति की प्रमुख मांगों में आरक्षण को केंद्र की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाना, बैकलॉग की भर्तियां निकालने और प्रक्रियाधीन भर्तियों में पूरे पांच प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाना शामिल है।

जयपुर में भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने मामले को उलझाया है और वह केवल गुर्जरों को आश्वासन देकर काम चला रही है। हालांकि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि गुर्जर समाज की नौंवी अनुसूची संबंधी मांग केंद्र सरकार पूरी कर सकती है और समाज के नेताओं को इस बारे में राज्य के 25 भाजपा सांसदों से बात करनी चाहिए।

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