शाहबेरी के हजारों फ्लैट खरीदारों को बड़ी राहत, कोई बिल्डिंग नहीं तोड़ी जाएगी, आईआईटी ने दी ये रिपोर्ट

Tricity Today | Shahberi



ग्रेटर नोएडा वेस्ट के शाहबेरी गांव की सभी इमारतों का स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट दिल्ली आईआईटी ने पूरा कर लिया है। इसमें 437 इमारतों की जांच की गई है। आईआईटी ने कहा है कि किसी भी इमारत को तत्काल गिराए जाने की जरूरत नहीं है। संस्थान ने 434 इमारतों के बारे में विस्तृत विश्लेषण करने की सिफारिश की है। इन 434 में से 76 ऐसी इमारतें हैं, जिनमें कोई नया निर्माण करने पर रोक लगाने के लिए कहा गया है। साथ ही इसमें नये परिवारों के आने पर भी प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है।

शाहबेरी में 17 जुलाई की रात में दो इमारतें गिर गई थीं। इसमें दबकर 9 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद प्राधिकरण से लेकर सरकार तक हरकत में आई। अवैध इमारतों को गिराने की बात हुई। लेकिन गिराने से पहले शासन ने शाहबेरी की इमारतों की मजबूती की जांच कराने के लिए किसी विशेषज्ञ संस्था से कराने के लिए कहा। 

इसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने दिल्ली आईआईटी से शाहबेरी की इमारतों की जांच के लिए अनुरोध किया और वह जांच करने के लिए तैयार हो गया। दिल्ली आईआईटी ने 437 इमारतों की जांच की। उन्होंने जांच पूरी करके अपनी रिपोर्ट ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को सौंप दी। 

दिल्ली आईआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में इन इमारतों को चार श्रेणियों में बांटा है। इन श्रेणियों के हिसाब से इन इमारतों की मजबूती को बताया है।

1-पहली श्रेणी में उन इमारतों को रखा गया है, जिनमें सुरक्षा के लिए किसी प्रकार के काम की जरूरत नहीं है। इस श्रेणी में तीन इमारतें हैं।

2-दूसरी श्रेणी में उन इमारतों को रखा, जिनमें मामूली रिपेयर और मजबूती के लिए काम करना है। इस श्रेणी में कोई इमारत नहीं है।

3-तीसरी श्रेणी में उन इमारतों को रखा गया है, जिनके स्ट्रक्चर की विस्तृत विश्लेषण की जरूरत है। ताकि यह पता चल सके कि ये इमारतें सुरक्षित हैं या नहीं। इस श्रेणी में 434 इमारतें हैं। इन इमारतों की भी तीन उप श्रेणी में रखा गया है। इसमें हाई क्रिटिकल में 76 इमारतें हैं। जिसमें नया निर्माण व नये परिवार के आने पर रोक रहेगी।

4- चौथी श्रेणी में ऐसी इमारतों को शामिल किया गया, जिनको तत्काल गिराने की जरूरत है। आईआईटी की जांच रिपोर्ट में ऐसी कोई इमारत नहीं मिली है।

तीसरी श्रेणी की इमारतों की जांच के मानक तय
आईआईटी ने तीसरी श्रेणी की इमारतों की जांच के मानक तय किए हैं। इसमें इमारत के स्ट्रक्चरल अरेंजमेंट (कॉलम, बीम, फूटिंग) का अध्ययन स्ट्रक्चरल डिजाइन समझने के लिए किया जाना। इमारत का स्ट्रक्चरल विश्लेषण करते हुए उसके मानको को देखना। क्रिटिकल इमारतों के निर्माण में प्रयोग की गई निर्माण सामग्री की क्षमता एवं गुणवत्ता को मापना। जिन इमारतों को मजबूत करना है, उसके लिए डिजाइन का निर्धारण करना आदि शामिल है।

ड्राइंग के लिए दो हफ्ते का दिया जाएगा समय
दिल्ली आईआईटी ने सिफारिश की है कि स्ट्रक्चरल विश्लेषण से पहले वहां रहने वाले परिवार से उसकी स्ट्रक्चरल ड्राइंग मांगी जाएगी। इसके लिए दो दिन का समय दिया जाएगा। ड्राइंग के आधार पर इमारत का सत्यापन किया जाएगा। जो परिवार ड्राइंग नहीं दे पाएंगे, उनकी जांच में कुछ मानक बढ़ाए जाएंगे। ताकि सत्यापन सही तरीके से हो सके। 

जांच में बेसमेंट, फाउंडेशन, कार्नर, साइड, प्लास्टर, टाइल्स आदि को शामिल किया जाएगा। साथ ही प्रत्येक इमारत का एक कंप्यूटर मॉडल तैयार किया जाएगा। जिसमें कॉलम, बीम आदि का अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद तय होगा कि इमारतें सुरिक्षत हैं या नहीं हैं।

ग्रेटर नोएडा पुलिस करेगी निगरानी
दिल्ली आईआईटी में ने हाई क्रिटिकल में 76 इमारतों को रखा है। जिसमें नया निर्माण व नये परिवार के आने पर रोक रहेगी। इस रोक पर अमल करने की जिम्मेदारी शाहबेरी पुलिस की रहेगी। 

दिल्ली आईआईटी की रिपोर्ट के बाद अब विस्तृत जांच के लिए बिल्डरों को निर्देशित किया जाएगा। इस पर जल्द कार्रवाई शुरू की जाएगी। 
केके गुप्त, एसीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

खरीदारों ने रिपोर्ट पर उठाए सवाल
ग्रेटर नोएडा। शाहबेरी के खरीदारों ने दिल्ली आईआईटी की रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। खरीदारों का कहना है कि प्राधिकरण पहले रिपोर्ट को सार्वजनिक करे। घरों में दरारें आ रही हैं और रिपोर्ट में किसी भी इमारत को नहीं गिराने की सिफारिश की गई है।

शाहबेरी में रहने वाले सचिन राघव ने कहा कि प्राधिकरण को आईआईटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए। आईआईटी ने जांच की और फिर विस्तृत जांच के लिए कहा है। फिर आईआईटी ने जांच किस चीज की। उनके घर में दरारें आ गई हैं। यहां की इमारतें कमजोर हैं। एक अन्य खरीदार अभिनव खरे ने बताया कि इमारतों की मजूबती पर रिपोर्ट आई है। बड़ा सवाल यह है कि यहां बनने वाली इमारतें अवैध हैं। प्राधिकरण इन इमारतों को वैध करेगा या नहीं, यह बताना जरूरी है।

52 मुकदमे दर्ज हुए थे
शाहबेरी में इमारतें गिरने के बाद बिल्डरों पर मुकदमे दर्ज किए गए। इस मामले में 52 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। 10 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

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