हाथरस पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कैंडल मार्च निकालने पर ग्रेटर नोएडा वेस्ट के 60 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

Tricity Today | Greater Noida West



हाथरस पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कैंडल मार्च निकालने पर बिसरख कोतवाली पुलिस ने 10 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि कैंडल मार्च निकालने से ट्रैफिक प्रभावित हुआ और भीड़ एकत्र होने से कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावना थी। वहीं पुलिस की इस कार्रवाई से लोगों में रोष है। लोगों का कहना है कि पुलिस आम आदमी की आवाज दबा रही है। 

हाथरस पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए ग्रेटर नोएडा वेस्ट के के लोगों ने बीते 1 सितंबर को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एक मूर्ति चौराहे के पास कैंडल मार्च निकाला था। जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। भीड़ एकत्र होने से ट्रैफिक प्रभावित हुआ था। कोरोना संक्रमण काल में भीड़ जमा करने पर पुलिस ने सपा नेता दीपक नागर, अमित निवासी सोरखा, रवि बाल्मीकि, अरुण बाल्मीकि, संजय पंडित, विक्की बाल्मीकि, मोंटी, सागर, योगेंद्र जाटव समेत 10 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ  मुकदमा दर्ज किया है। 

बिसरख कोतवाली प्रभारी का कहना है कि कैंडल मार्च निकालने के दौरान एक मूर्ति चौराहे पर पर ट्रैफिक प्रभावित हुआ। इस दौरान लोगों को काफी परेशानी हुई थी। कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। इसके बाद भी भीड़ एकत्र की गई। 

सपा नेता नवीन भाटी का कहना है कि हाथरस रेप पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए लोगों ने कैंडल मार्च निकाला था। पुलिस ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए उनके खिलाफ  मुकदमा दर्ज किया। यह लोकतंत्र की हत्या है। पुलिस सरकार के इशारे पर लोगों की आवाज दबाने का काम कर रही है।

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