Tricity Today | सीमा यादव
गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने बीमार और परेशान लोगों की मदद करने के लिए 24 घंटे की हेल्पलाइन नंबर जारी की है। पिछले सप्ताह एक ऑनलाइन फॉर्म भी जारी किया गया है। जिसे भरकर सहायता मांगी जा सकती है। लेकिन इन हेल्पलाइन नंबर और फॉर्म की हकीकत क्या है, इससे केवल मरीजों को ही दो-चार पड़ता है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की चेरी काउंटी हाउसिंग सोसाइटी से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जिसमें पता चलता है कि प्रशासन भले ही कोविड हेल्पलाइन नंबर पर 24 घंटे मदद के दावे कर रहा है, लेकिन सचाई कुछ और है।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की चेरी काउंटी हाउसिंग सोसायटी में रहने वालीं कैंसर पीड़ित मरीज की हालत बिगड़ने पर परिवार ने हेल्पलाइन नंबर पर कॉल की। वह 30 घंटे तक एंबुलेंस आने का बस इंतजार करते रहे। रविवार को थक हारकर सोसायटी के लोगों ने ट्वीटर का सहारा लिया। तब जाकर जिला प्रशासन हरकत में आया और महिला के लिए एंबुलेंस भेजी गई।
चेरी काउंटी सोसायटी के निवासी अंकित ने बताया कि उनकी मां सीमा यादव (55 वर्ष) कैंसर से पीड़ित हैं। लुक डाउन के कारण उनकी कीमोथेरेपी समय पर नहीं हो पा रही है। उनकी तबीयत बिगड़ गई तो एक एक निजी अस्पताल लेकर गए। घर आने के बाद शुक्रवार की रात उनकी तबीयत फिर खराब हो गई। उन्हें बहुत तेज बुखार हो गया था। डॉक्टरों से फोन पर बातचीत की तो उन्होंने अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी।
तीन घण्टे हेल्पलाइन नम्बर पर कॉल रिसीव नहीं हुई
अंकित ने बताया कि उन्होंने शनिवार की सुबह 6 बजे एंबुलेंस बुलाने के लिए कोविड हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया। 6 बजे से लेकर 9 बजे तक फोन ही नहीं रिसीव किया गया। 9 बजे के बाद हेल्पलाइन नंबर पर फोन उठा लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। अंकित ने बताया कि बार-बार बस एंबुलेंस भेजने का दिलासा दिया जाता रहा।
एम्बुलैंस के इंतजार में बीत गया शनिवार का पूरा दिन
एंबुलेंस का इंतजार करते करते शनिवार का पूरा दिन बीत गया। शनिवार की रात हो गई। दूसरी ओर मरीज की तबियत और ज्यादा बिगड़ती ही जा थी थी। अंकित ने बताया कि शनिवार की रात जैसे तैसे काटनी पड़ी। रविवार की सुबह फिर से हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने शुरू किए। वहां से शनिवार की तरह ही जवाब मिल रहे थे। अंकित कहते हैं कि इस बीच प्राइवेट एंबुलेंस बुलाने के लिए भी जगह-जगह फोन करते रहे, लेकिन सबसे पहले पूछा जाता है कि मरीज को क्या हुआ है। जब हम लोग जवाब देते कि बुखार हुआ है तो वह सबसे पहले कोविड-19 कराने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते थे।
सोसयटी के लोगों ने ट्वीट करने शुरू किए
अंकित ने बताया कि कहीं से भी कोई मदद नहीं मिल रही थी। सभी लोग बहुत परेशान हो गए थे। रविवार की सुबह सोसायटी के लोगों ने मदद के लिए ट्वीट करने शुरू कर दिए। दोपहर में प्रशासन की नींद खुली और करीब एक बजे एंबुलेंस आ गई। बीमार मां को ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस दौरान कोविड हेल्पलाइन नंबर से कई बार मां को इलाज के लिए मेरठ भेजने का भी दबाव बनाया गया।
क्या कहता है जिला प्रशासन
गौतम बुध नगर के अपर जिलाधिकारी और हेल्पलाइन नंबर के प्रभारी दिवाकर सिंह ने कहा कि कोविड हेल्पलाइन नंबर पर मेडिकल से संबंधित मदद का भाग अलग है। इसके लिए उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात करने को कहा। सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन तमाम बार की तरह इस बार भी सीएमओ ने फोन नहीं उठाया।
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