Google Image | Yogi Adityanath
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार की देर रात कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में देश को एक अच्छी फिल्म सिटी की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश यह जिम्मेदारी को लेने के लिए तैयार है और एक बेहतरीन फ़िल्म सिटी बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि फ़िल्म सिटी के लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे का क्षेत्र बेहतर होगा। यह फ़िल्म सिटी फ़िल्म निर्माताओं को एक बेहतर विकल्प उपलब्ध कराएगी। साथ ही रोजगार सृजन की दृष्टि से भी अत्यंत उपयोगी प्रयास होगा।
उन्होंने इस सिलसिले में भूमि के विकल्पों के साथ यथाशीघ्र कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। एक सरकारी बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार शाम अपने सरकारी आवास पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मेरठ मंडल (मेरठ, हापुड़, बागपत, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलन्दशहर जनपद) के विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इसी दौरान मुख्यमंत्री ने फिल्म सिटी परियोजना का ऐलान किया है। समीक्षा बैठक के दौरान यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने भूमि उपलब्ध करवाने की सहमति भी दे दी है।
योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी बसाने की घोषणा ऐसे वक्त में की है जब मुंबई में फिल्म उद्योग पर सवालिया निशान उठ रहे हैं। वहां क्षेत्रवाद, भाई-भतीजावाद और ड्रग्स जैसे अवैध कारोबार में संलिप्तता के आरोप सामने आ रहे हैं। ऐसे समय में राज्य सरकार की यह पहल बहुत मायने रखती है। उत्तर भारत के तमाम फिल्म निर्माता, अभिनेता और कलाकार मुंबई के समांतर उत्तर भारत में फिल्म उद्योग को बढ़ावा देना चाहते हैं।
मेरठ और गाजियाबाद को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की योजना
कैलाश मानसरोवर भवन निर्माण की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने गाजियाबाद में जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण हेतु प्रस्तावित केंद्र के निर्माण कार्य को शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए। योगी ने कहा कि मेरठ व गाजियाबाद को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की योजना महत्वपूर्ण है। इसे शीघ्रता से प्रारंभ किया जाए। गन्ना किसानों को हुए भुगतान की स्थिति की समीक्षा करते हुए योगी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि नया पेराई सत्र प्रारंभ होने से पूर्व पिछला सारा बकाया भुगतान हो जाए।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में एक्सप्रेस-वे का जाल बना रही है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि यह कार्य दिसम्बर, 2020 तक पूर्ण होने कर लिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस कॉरिडोर) एक रेल आधारित तीव्र गति, उच्च क्षमतायुक्त, सुरक्षित और सुविधाजनक सार्वजनिक परिवहन परियोजना है, जिससे राजधानी दिल्ली से मेरठ के बीच की दूरी एक घंटे से भी कम समय में पूरी की जा सकेगी।