नोएडा बोटेनिकल गार्डन से ग्रेटर नोएडा परी चौक के लिए सिटी बसें गायब, डग्गामार बसों की पौ बारह, बड़ी संख्या में लोग परेशान

नोएडा | 4 साल पहले | Harish Rai

Kuldeep Yadav |



दिवाली और भैया दूज के मद्देनजर बड़ी संख्या में लोग आवागमन कर रहे हैं। ऐसे में नोएडा बोटैनिकल गार्डन और ग्रेटर नोएडा परी चौक के बीच चलने वाली लो फ्लोर सिटी बसें गायब हैं। जिसके चलते परी चौक और बॉटनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन के पास बस अड्डे में बड़ी संख्या में लोग परेशान हैं। दूसरी ओर इन हालात का डग्गामार वाहन जमकर फायदा उठा रहे हैं। मनमाना किराया वसूल किया जा रहा है। टिकट भी नहीं दिया जा रहा है। लोगों ने ट्विटर और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शिकायत की हैं।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच नियमित रूप से यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण, नोएडा ग्रेटर और नोएडा विकास प्राधिकरण की सिटी बस सेवा संचालित होती है। दिवाली और भैया दूज के मद्देनजर जहां सिटी बस सेवा और बेहतर ढंग से दी जानी चाहिए थी, वहीं शहर की सड़कों से पैसे गायब हो गई हैं। जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। परी चौक और बॉटनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन के बीच यात्रा करने के लिए लोगों को डग्गामार वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है। बड़ी संख्या में भीड़ परी चौक और बॉटनिकल गार्डन पर बसों का इंतजार कर रही है।

ऐसे ही एक यात्री कुलदीप यादव ने ट्वीट किया है। जिसमें गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी, नोएडा पुलिस और उत्तर प्रदेश रोडवेज परिवहन निगम को टैग किया गया है। कुलदीप यादव ने लिखा है, "लो फ्लोर ग्रीन बस उपलब्ध नहीं हैं। उन्हें बोटैनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन से परी चौक जाना है। अभी मेट्रो स्टेशन में निजी ऑपरेटर की कुछ बसें खड़ी हैं। जो मनमाना किराया वसूल कर रही हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा है। इन बसों के कंडक्टर टिकट भी नहीं दे रहे हैं। कृपया संज्ञान लीजिए।" कुलदीप यादव आगे लिखते हैं कि इन प्राइवेट बसों का भ्रष्टाचार बंद किया जाना चाहिए। इस त्योहारी सीजन में सिटी बस सेवा बहाल की जानी चाहिए।

कुलदीप यादव के ट्वीट पर किसी ने कोई जवाब नहीं दिया है। दूसरी ओर बसों के इंतजार में भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। इस वक्त कोरोना वायरस के कारण महामारी चरम पर है। ऐसे में प्राइवेट बस ऑपरेटर सिटी बसों की गैर मौजूदगी का जमकर फायदा उठा रहे हैं। बसों में आधी संख्या में यात्री बैठाने की इजाजत है, लेकिन इन बसों में 2 गुनी संख्या में यात्री सवार किए जा रहे हैं।

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