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जेवर एयरपोर्ट का फायदा उठाकर कॉलोनाइजर्स ने भूखंडों खरीदफरोख्त शुरू कर दी है। कॉलोनाइजर्स यमुना प्राधिकरण के मास्टर प्लान का हवाला देकर लोगों को भूखंड बेचने की जुगत में लगे हैं। तमाम शिकायतें मिलने के बाद यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने जेवर एयरपोर्ट के आसपास और प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में कहीं भी भूखंड नहीं खरीदने की एडवाइजरी जारी की है। प्राधिकरण ने जानकारी दी है कि ऐसे कॉलोनाइजर्स की एक लिस्ट तैयार की गई है। इनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज करवाने की तैयारी की जा रही है।
जेवर एयरपोर्ट की विकासकर्ता कंपनी का चयन होने के बाद इलाके में भूमाफिया और कॉलोनाइजर्स सक्रिय हो गए हैं। लोगों को सब्जबाग दिखाकर वह भूखंड बेचने की जुगत में लगे हैं। यही नहीं, यमुना प्राधिकरण के मास्टर प्लान 2031 का हवाला भी देते हैं। ताकि लोगों को अपने जाल में फंसा सकें। ऐसी शिकायतें यमुना प्राधिकरण के पास पहुंच रही हैं। जेवर आवासीय योजना की एक शिकायत प्राधिकरण के पास आई है। इसकी बेवसाइट भी है और उसी के जरिये वह लोगों को भूखंड बेचते हैं।
यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने लोगों से अपील की है कि वे इसमें कोई खरीद-फरोख्त ना करें। अगर इसमें कोई भूखंड खरीदता है तो उसकी खुद की जिम्मेदारी होगी। क्योंकि प्राधिकरण के मास्टर प्लान में कोई योजना नहीं है। ऐसे लोगों के खिलाफ प्राधिकरण रिपोर्ट दर्ज करवाएगा। ऐसी आवासीय योजनाओं में खरीदे गए भूखंडों पर निर्माण नहीं करने दिया जाएगा। अगर किसी व्यक्ति ने अवैध रूप से घर बना लिया या कोई और निर्माण कर दिया तो उसे ध्वस्त कर दिया जाएगा।
प्राधिकरण पहले भी दर्ज करवा चुका कई एफआईआर
यमुना प्राधिकरण वहां सक्रिय कॉलोनाइजर्स के खिलाफ दर्जनों रिपोर्ट दर्ज करवा चुका है। दर्जनों जगहों पर अवैध निर्माण ढहाया जा चुका है। प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में बिना अनुमति काम करना अवैध है। इसको लेकर प्राधिकरण की टीमें निरीक्षण भी करती हैं। जहां भी इस तरह की गतिविधि मिलती हैं, उस पर कार्रवाई होती है।
जिला पंचायत और जिला प्रशासन का हवाला भी देते हैं भूमाफिया
भूमाफिया अपनी जमीन को सही और कानूनी ठहराने के लिए जिला पंचायत और जिला प्रशासन की फर्जी दलीलें देते हैं। इन लोगों का कहना होता है कि जमीन की पक्की रजिस्ट्री होगी। जब रजिस्ट्री हो रही है तो जमीन अवैध कैसे हो सकती है, लेकिन रजिस्ट्री होना ही जमीन की वैधता नहीं होती है। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिसूचित इलाकों में जमीन खरीदने के बावजूद उस पर कोई निर्माण नहीं किया जा सकता है। ऐसे में भूमाफिया भोले-भाले और नियम कानून न जानने वाले आम आदमी को आवासीय योजना के नाम पर महंगी कीमतों में प्लॉट बेच कर फरार हो जाएंगे। बाद में इन भूखंडों पर किसी भी तरह का निर्माण नहीं हो पाएगा।
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