BIG BREAKING : जेवर एयरपोर्ट का निर्माण छह महीने में शुरू होगा, जानिए अब आगे क्या-क्या होगा

Tricity Today | जेवर एयरपोर्ट का निर्माण छह महीने में शुरू होगा



नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर का निर्माण छह महीने में शुरू हो जाएगा। एयरपोर्ट की विकासकर्ता स्विस कंपनी से अनुबंध होने के बाद उसे 1334 हेक्टेयर जमीन सौंप दी जाएगी। कंपनी एयरपोर्ट का मास्टर प्लान (नक्शा) प्रस्तुत करेगी। इस पूरी प्रक्रिया में छह महीने का समय लग जाएगा। एयरपोर्ट के शिलान्यास की तिथि सरकार तय करेगी।

जेवर एयरपोर्ट के लिए सबसे अधिक बोली स्विस कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी ने लगाई थी। भारत में काम करने के लिए यहां यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी रजिस्टर्ड कराई है। 7 अक्टूबर को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) और यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के बीच होने वाले अनुबंध पर दस्तखत होंगे। अनुबंध होने के छह महीने के भीतर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। अनुबंध के बाद कंपनी को जमीन सौंप दी जाएगा। एयरपोर्ट का पहला चरण 1334 हेक्टेयर में बनाया जाना है। जमीन का अधिग्रहण काफी पहले पूरा हो चुका है। अब विस्थापित होने वाले परिवारों को बसाने के लिए काम चल रहा है।

मास्टर प्लान में सरकार की होगी अंतिम मुहर

नियाल के सीईओ डॉ. अरुणीवर सिंह ने बताया कि इस छह महीने में कंपनी को अपना मास्टर प्लान पास कराना होगा। मास्टर प्लान में यह दिखा जाएगा कि रनवे कहां पर होगा, हैंगर (जहां पर जहाज खड़े होंगे) कहां पर होंगे, पार्किंग और टर्मिनल बिल्डिंग कहां पर होगी। मास्टर प्लान को पहले नियाल बोर्ड पास करेगा। इसके बाद प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग एंड इंप्लीमेंटेशन कमेटी पास करेगी। इसके बाद सरकार की ओर इसमें अंतिम मुहर लगेगी। इसके बाद काम शुरू होगा। अधिकारियों के मुताबिक, यह प्रक्रिया छह महीने में पूरी हो जाएगी। इसके बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। 2023 में यहां से उड़ान शुरू करने की तैयारी है। हालांकि कोरोना महामारी के चलते अनुबंध करने में देरी हो गई

ऋण देने के लिए बैंकों का कंर्सोटियम बना

स्विस कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी ने अनुबंध से पहले परियोजना के लिए फंड का इंतजाम शुरू कर दिया है। इसके बैंकों का एक कंर्सोटियम बनाया गया है। इसमें 70 प्रतिशत हिस्सेदारी एसबीआई की है। 30 प्रतिशत में अन्य बैंक शामिल हैं। बताया जाता है कि एसबीआई ने 5 हजार करोड़ रुपये का ऋण देने का फैसला कर लिया है। जैसे-जैसे प्रोजेक्ट बढ़ेगा, बैंक लोन देते रहेंगे।

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