BIG NEWS: नोएडा में वायु सेना की जमीन हड़पने वाले नपेंगे, डीएम और पुलिस कमिश्नर को कोर्ट ने दिया आदेश

नोएडा | 4 साल पहले | Mayank Tawer

Tricity Today | DM Suhas LY with Police Commissioner Alok Singh



नोएडा के वायुसेना भूमि घोटाले में बड़ी खबर सामने आई है। गौतमबुद्ध नगर जिला एवं सत्र न्यायालय ने बड़ा आदेश सुनाया है। अदालत ने वायुसेना भूमि घोटाले को अंजाम देने वाले अभियुक्तों की जमानत अर्जी खारिज कर दी और उनके खिलाफ चल रहे मुकदमों की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश पुलिस आयुक्त को दिया है। साथ ही गौतमबुद्ध नगर के जिला अधिकारी को आदेश दिया है कि वह पूरे मामले की जांच करें। भूमि घोटाले को अंजाम देने वाले लोगों पर कार्रवाई करें। इस बारे में उत्तर प्रदेश सरकार और रक्षा मंत्रालय को अवगत कराएं।

अभियुक्तों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पवन कुमार पांडेय की अदालत ने जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त को पूरे मामले में संज्ञान लेने और सभी जिम्मेदार आरोपियों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। अदालत ने इस मामले की सुनवाई 4 जुलाई को की थी। न्यायालय की ओर से आदेश पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी को भेजा गया है। अदालत ने ग्रेटर नोएडा में दर्ज दो मुकदमों की जांच कर रहे आईओ पर कठोर कार्रवाई करने के लिए पुलिस आयुक्त को आदेश भेजा है।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पवन कुमार पांडे ने गौतम बुध नगर के पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया है कि मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर एनपी सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। एनपी सिंह ने बतौर जांच अधिकारी अपने अधिकारों का खुला दुरुपयोग किया है। उसने 19 जून को अदालत में रिपोर्ट दी। उस रिपोर्ट में अभियुक्तों को प्रभावशाली और धनवान बताया था। लिखा कि अभियुक्त जांच अधिकारी और वादी को धमका रहे हैं। अनावश्यक रूप से प्रभाव डाल रहे हैं। साक्ष्यों और गवाहों को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। यह भी कहा कि इन लोगों ने रक्षा मंत्रालय की जमीन पर कब्जा करके बड़ा अपराध किया है।

जांच अधिकारी के इन तथ्यों को पर्याप्त आधार मानते हुए न्यायालय ने अभियुक्तों की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। अब एक बार फिर अभियुक्तों ने न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल की। जिस पर जांच अधिकारी ने दूसरी रिपोर्ट 4 जुलाई को न्यायालय में प्रस्तुत की। जिसमें उसने कहा कि दोनों पक्षकारों में फैसला हो गया है। लिहाजा, अभियुक्त को जमानत देनी चाहिए। यह प्रकरण सामान्य प्रवृत्ति का नहीं है। जिसमें दोनों पक्षकार परस्पर फैसला कर लें और न्यायालय उसे स्वीकार कर ले। सीआरपीसी की धारा 320 के तहत इस तरह के गंभीर प्रवृत्ति के मामलों में न्यायालय के बाहर फैसला संभव नहीं है।

अदालत ने जांच अधिकारी पर बेहद तल्ख टिप्पणियां की हैं

वायुसेना भूमि घोटाले में दर्ज किए गए आपराधिक मामलों की जांच कर रहे आईओ एनपी सिंह के खिलाफ जिला न्यायालय ने बेहद तल्ख टिप्पणियां की हैं। अदालत ने अपने आदेश में लिखा है कि आपराधिक प्रकरणों की जांच एक कोरे चेक की तरह है। जिस पर कुछ भी लिखा और भरा जा सकता है। जैसे चेक धारक को व्यापक अधिकार होता है, ऐसे ही गंभीर आपराधिक मामलों में जांच अधिकारी को बहुत व्यापक अधिकार होते हैं। इस अधिकार का दुरुपयोग जांच अधिकारी ने किया है।

अदालत ने आदेश में आगे लिखा है कि इस मामले में स्पष्ट है कि अभियुक्तों ने अपनी प्रबंधन कला का बखूबी इस्तेमाल किया है। ऐसे मामलों में अक्सर देखने में आता है कि अदालतों को जांच अधिकारी भ्रमित करके न्याय को प्रभावित करना चाहते हैं। नोएडा ग्रेटर और नोएडा जैसे शहरों में जहां आर्थिक अपराध बहुत बड़े पैमाने पर होता है और यह मायने भी रखता है। वहां जांच अधिकारी को बेहद सतर्क और तथ्यों के आधार पर न्यायालय के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने चाहिए।

क्या है पूरा मामला

नोएडा के नंगला नंगली और नंगली साकपुर गांवों में 468 एकड़ भूमि भारत सरकार ने वर्ष 1951 में वायुसेना को बोम्बिंग रेंज बनाने के लिए दी थी। लेकिन शुरू से ही जमीन के राजस्व अभिलेखों पर किसानों के नाम रहे। वायु सेना का नाम दर्ज नहीं किया गया। वर्ष 1977 में यमुना नदी में आई व्यापक बाढ़ के कारण वायुसेना ने यहां से बोम्बिंग रेंज खत्म कर दी। इसी का फायदा उठाकर वायु सेना की जमीन पर लोगों ने कब्जा किया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर वायु सेना को जमीन वापस मिली थी

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर वायुसेना को उसकी जमीन वापस मिल गई। वायुसेना ने कब्जा लेकर जमीन की चारदीवारी कर ली है। करीब ढाई सौ फार्म हाउस वायुसेना, जिला प्रशासन और पुलिस ने ध्वस्त किए थे। बिल्डर और भू-माफियाओं ने इन लोगों को वायु सेना की जमीन पर फार्म हाउस बनाकर बेचे थे। उन लोगों ने एफआईआर दर्ज करवाई। ऐसे ही दो मुकदमे कमल खनचंदानी और अर्जुन खनचंदानी नाम के बिल्डरों पर ग्रेटर नोएडा के बीटा टू कोतवाली में दर्ज करवाए गए हैं। इन मुकदमों मुकदमों में पुलिस ने जांच की और गिरफ्तारी की। 19 जून को गौतम बुध नगर जिला न्यायालय ने अभियुक्तों की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।

अब अभियुक्तों ने अदालत में दोबारा जमानत अर्जी दाखिल की

बिल्डर कमल खनचंदानी ने दोबारा जमानत अर्जी दाखिल की। इस बार मामले के जांच अधिकारी ने इन लोगों के पक्ष में अपनी रिपोर्ट लगा दी। आईओ ने न्यायालय को बताया कि पक्षकारों के बीच परस्पर फैसला हो गया है। लिहाजा, अब इस प्रकरण को प्रचलित रखने का कोई उचित नहीं है।

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