Google Image | प्रतीकात्मक तस्वीर
देश में कोरोना वायरस का संकट दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। भारत अब दुनिया में दूसरे स्थान पर पहुंच चुका है। नागरिकों के साथ-साथ सेना और अर्धसैनिक बलों में भी कोरोना से संक्रमित सैनिकों की संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है। रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि सशस्त्र सेनाओं के 22,353 सेवारत कर्मियों में कोविड-19 की पुष्टि हुई है और इससे अब तक कुल 41 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में रक्षा राज्यमंत्री श्रीपाद नाइक ने बताया, ''सशस्त्र सेनाओं के सेवारत कर्मियों में कोविड-19 के पुष्ट मामलों की कुल संख्या 22,353 है। आज की तारीख तक, सशस्त्र सेनाओं में कुल 41 मौतें हुई हैं जो प्रत्यक्ष रूप से कोविड-19 के कारण हो सकती हैं।
उन्होंने बताया कि सशस्त्र सेनाओं के सभी अस्पताल कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए उपयुक्त रूप से सुसज्जित हैं। उन्होंने कहा, ''कोविड-19 के लिए अन्तरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल की तर्ज पर, सशस्त्र सेना के अस्पतालों में एंटी वाइरल औषधियों (फेविपिराविर और रेमडेसीविर) और 'इम्यूनो-माडुलेटरी एजेंट (टोसिलिजुमाब प्रीडनिसोलोन आदि) की काफी व्यवस्था है।
नाइक ने यह भी बताया कि सशस्त्र सेनाओं के दो अस्पतालों में गम्भीर रूप से बीमार मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि महामारी की शुरुआत में सशस्त्र सेनाओं के सभी अस्पतालों को कोविड केयर के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण उपकरणों जैसे वेंटीलेटर, ऑक्सीजन, पीपीई, फेस मास्क, सैनिटाइजर, थर्मल मॉनिटर आदि से सुसज्जित करने के लिए आपूर्ति आर्डर जारी किए गए थे।
रक्षा राज्य मंत्री ने उच्च सदन को बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए, छुट्टियों से लौटने वाले कर्मियों को 14 दिनों तक पृथकवास में रहना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि सशस्त्र सेनाओं द्वारा सभी स्टेशनों पर एक व्यापक सूचना, शिक्षा और सम्पर्क अभियान चलाया जा रहा है ताकि बचाव उपायों, मुख्य रूप से सामाजिक दूरी के संदर्भ में जनता को जागरूक किया जा सके।