Google Image | शारदा अस्पताल
ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही व मानव अंग से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। परिजनों ने हंगामा करते हुए अस्पताल में तोड़फोड़ की।
आरोप है कि पैसा जमा करने के बाद भी प्लाज्मा नहीं चढ़ाया गया। वहीं अस्पताल प्रबंधन ने लापरवाही व मानव अंगों से छेड़छाड़ का आरोप झूठा बताया है। अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि परिजनों ने अपना आरोप वापस ले लिया है।
कोरोना वायरस से संक्रमित प्रदीप शर्मा (35) पुत्र रामगोपाल शर्मा निवासी पिलखुवा जनपद हापुड़ को प्लाज्मा थैरेपी के लिए 13 अगस्त को प्रदीप शर्मा को ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था।परिजनों के मुताबिक भर्ती करते समय शारदा अस्पताल प्रबंधन द्वारा बताया गया था कि अस्पताल में ए प्लस प्लाज्मा उपलब्ध है। रात में ही प्लाज्मा चढ़ाने का भरोसा दिया था, लेकिन दूसरे दिन 14 अगस्त को सूचना दी गई कि ए प्लस प्लाज्मा नहीं है। मरीज को रिकवर करने के लिए 40 हजार रूपये का इंजेक्शन लगाने की बात कही गई।
आरोप है कि रूपये जमा करने और प्लाज्मा उपलब्ध कराने के बाद भी इलाज में लापरवाही बरती गई। मरीज के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं होने पर परिजनों ने नवीन अस्पताल वैशाली के लिए रेफर करने को कहा। आरोप है कि शनिवार को मालूम हुआ कि प्रदीप शर्मा की मौत हो चुकी है।
पीड़ित परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नॉलेज पार्क कोतवाली में तहरीर दी है। वहीं अस्पताल प्रबंधन ने सभी आरोपों को निराधार व झूठ बताया है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि गंभीर हालत में लाए गए मरीज का बेहतर इलाज किया गया।अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि परिजन ने अपना आरोप वापस ले लिया है। मृतक का कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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