Tricity Today | Suhas LY IAS
गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने शुक्रवार की शाम जिले के निवासियों के नाम खुला पत्र लिखा है। इस पत्र में डीएम ने कोरोना वायरस के खिलाफ चल रहे ढाई महीने लम्बे अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। डीएम ने बताया है कि किस तरह जिला प्रशासन ने इस महामारी के खिलाफ अब तक लड़ाई लड़ी है। इसमें कितनी कामयाबी मिली है और आने वाले दिनों में क्या चुनौतियां हैं। डीएम ने जिले के लोगों से इस अभियान में पूरे सहयोग की अपील की है।
डीएम ने पत्र में लिखा, " हम लोग लॉकडाउन-4 के मध्य में हैं। मैं समझता हूं कि प्रत्येक व्यक्ति ने इस चुनौती भरे समय के दौरान सहयोग दिया है। हमने लगभग सभी आर्थिक गतिविधियां शुरू कर दी हैं। हम अपनी दैनिक एक्टिविटीज पर आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन हमें कोविड-19 से बचाव के लिए बेसिक प्रोटोकॉल्स और आत्म नियंत्रण के नियमों का पालन करना चाहिए। हमें मास्क और फेस कवर पहनना चाहिए। सभी स्थानों का सैनिटाइजेशन जरूरी है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना पड़ेगा।
स्वास्थ्य विभाग का काम अतुलनीय है
डीएम सुहास हलवाई ने आगे कहा, "हमारी स्वास्थ्य टीम वास्तविक कोरोना योद्धा हैं। उन्होंने हमें बचाने के लिए और कोरोनावायरस को हराने के लिए हर संभव प्रयास किया है। यही वजह है कि जिले का रिकवरी रेट 70 फ़ीसदी से ज्यादा है। कोरोनावायरस से पीड़ित होकर आए अधिकांश मरीज 15 दिन से भी कम समय में स्वस्थ होकर अपने घर वापस लौट गए। हमने होम क्वॉरेंटाइन की सुविधाएं भी लोगों को उपलब्ध करवाई। जिन लोगों के पास अपने घरों में प्रोटोकॉल के हिसाब से पर्याप्त स्थान उपलब्ध था, उन्हें होम क्वॉरेंटाइन किया गया। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने शिविरों का आयोजन किया। जिलेभर में आयोजित किए गए इन शिविरों में इनफ्लुएंजा जैसे लक्षण वाले लोगों को शुरुआती दौर में टेस्ट किया गया। जिससे संभावित खतरों को कम करने, मृत्यु दर को कम करने और संक्रमण की दर को कम करने में बड़ी मदद मिली है।"
जिले की टेस्ट दर देश की औसत दर से दोगुना है
जिलाधिकारी ने पत्र में आगे लिखा है, "अब तक गौतमबुद्ध नगर जिले में 10,000 से ज्यादा लोगों का कोरोनावायरस टेस्ट करवाया जा चुका है। गौतमबुद्ध नगर में प्रति 10 लाख की जनसंख्या पर टेस्ट की दर 5000 है। यानी 10 लाख लोगों में से 5000 लोगों का कोरोनावायरस टेस्ट करवाया जा चुका है। यह राष्ट्रीय दर के मुकाबले 2 गुना से भी ज्यादा है। स्वास्थ्य विभाग जिले में काम कर रही प्राइवेट लैब से इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के नियम और कायदों का पूरी तरह पालन करवा रहा हैं। जिससे कि इन प्रयोगशालाओं से आने वाली रिपोर्ट में किसी तरह की खामी ना हो।"
जीवन के सामने कोई समस्या कीमती नहीं है
डीएम ने आगे कहा, "हमारी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण भी बड़ी चुनौती रही है। हमें अपने स्थानीय प्रशासन की सराहना करनी चाहिए। जिसने हर समस्या से निपटने के लिए बेहतरीन ढंग से काम किया है। हमें यह समझते हैं कि अंतरराज्यीय सीमाओं को बंद करने के कारण जिले के निवासियों को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा है। संक्रमण फैलने की दर और आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद यह फैसला लेना पड़ा। दरअसल, पड़ोसी स्थानों में फैले कोरोनावायरस के संक्रमण से संपर्क में आने के कारण हमारे जिले के लोग भी संक्रमित हो रहे थे। लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि हमारे स्वास्थ्य से बढ़कर किसी भी परेशानी की कीमत ज्यादा नहीं हो सकती है। निरंतर इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि जिला और राज्य स्तर पर ऐसे फैसले लिए जाएं, जिनसे आम आदमी के जीवन और स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सके।"
सुहास एलवाई ने कहा, "कंटेनमेंट जोन की परिभाषा को पुनः परिभाषित किया गया है। अब हाउसिंग सोसाइटी में अगर केवल संक्रमण का एक मामला है तो केवल उसी टावर को सील किया जाएगा, जहां संक्रमित व्यक्ति निवास कर रहा है। हम डोर स्टेप डिलीवरी के माध्यम से सुविधाएं पहुंचाकर लोगों की परेशानियों को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। कंटेनमेंट जोन में अपनाई जाने वाली पाबंदियां सख्त हैं और व्यक्ति की स्वतंत्रता कंटेनमेंट जोन में कम होगी लेकिन इसके माध्यम से वे संक्रमण को रोकने और लोगों के जीवन को बचाने में बड़ा योगदान करेंगे।"
श्रमिकों को घर पहुंचाने में कामयाबी हासिल की
डीएम ने पत्र में आगे लिखा है, "जिला प्रशासन ने श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए ट्रेनों का सफलतापूर्वक संचालन किया है। दादरी और दनकौर रेलवे स्टेशन सुविधाओं और आधारभूत संरचना के मामले में बहुत छोटे हैं। इसके बावजूद किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं आई। बड़ी संख्या में मजदूरों ने जिले में ठहरना पसंद किया है और वही रहकर काम करना चाहते हैं। यह बेहद उत्साहजनक स्थिति है। हमने औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों से फलदाई वार्तालाप किया है और वह जिले के अग्रणी हैं। हम उन्हें पूरा सपोर्ट उपलब्ध करवा रहे हैं। हमने ज्यादातर सरकारी कार्यालय खोल दिए हैं और उन्हें सलाह दी गई है कि ऑनलाइन व्यवस्थाएं मुहैया करवाएं। जिससे कि जिले के निवासियों को कार्यालयों में खुद जाने की आवश्यकता नहीं पड़े।
कंट्रोल रूम से 2.23 लाख लोगों ने सम्पर्क किया और समस्याएं बताईं
डीएम ने बताया कि कोविड-19 अभियान का नियंत्रण करने के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम 18004192211 स्थापित किया गया था। इस कंट्रोल रूम को अब तक 2 लाख 23 हजार लोग संपर्क कर चुके हैं। जिनमें कोविड-19, स्वास्थ्य, टेलीमेडिसिन, भोजन आपूर्ति, घटना-दुर्घटनाएं और सामान्य जानकारियां हासिल करने के लिए लोगों ने संपर्क किया है। हम लगातार लोगों को सुविधाएं पहुंचाने और समस्याओं का समाधान करने के लिए व्यवस्था कायम रखेंगे। डीएम ने कहा, "अंत में मैं बस यही कहना चाहूंगा कि कोई एक व्यक्ति या संस्थान न तो दावा कर सकता है और न ही जिम्मेदारी का निर्वाह कर सकता है। हम इस बात में विश्वास रखते हैं कि सुधार की हमेशा गुंजाइश बनी रहती है। हमारा उद्देश्य लोगों की ओर से मिलने वाले सुझावों और फीडबैक पर निरंतर सुधार करना है। जिले के लोग ही सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हिस्सेदार हैं। हमारी टीम और कठिन से कठिन प्रयास बेहतर से बेहतर सुविधाएं देने के लिए रोजाना करती रहेगी।"