Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
21 जून 2020, दिन रविवार आषाढ़ कृष्ण अमावस्या को सूर्यग्रहण हिंदुस्तान में खंडग्रास के रूप में ही दृश्य होगा। यह ग्रहण गंड योग और मृगशिरा नक्षत्र एवं मिथुन राशि में होगा। भारतीय टाइम के अनुसार ग्रहण का स्पर्श दिन में 9:16 बजे, मध्य 12:10 बजे एवं मोक्ष 3:04 बजे होगा। सूर्य ग्रहण का समय हर स्थान पर अलग-अलग होता है।
ज्योतिर्विद एवं वास्तुविद पं दिवाकर त्रिपाठी के अनुसार भारत काशी में सूर्यग्रहण का आरम्भ प्रातः 10 बजकर 31 मिनट ,मध्य 12:18 बजे ई मोक्ष दोपहर 2 बजकर 4 मिनट तक रहेगा। भारत के अतिरिक्त यह खंडग्रास सूर्यग्रहण विदेश के कुछ क्षेत्रों में भी दिखाई देगा। सूर्यग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले लग जाता है। अतः इस सूर्यग्रहण का सूतक 20 जून को रात में रात 9.30 आरम्भ हो जाएगा जो कि सूर्यग्रहण ग्रहण के समाप्त होने तक रहेगा।
ज्योतिर्विद एवं वास्तुविद पं दिवाकर त्रिपाठी के अनुसार गर्भवती महिलाएं बालों पर कोई पिन ना लगाएं। इस दौरान महिलाओं को अपने पास कोई भी नुकीली चीज नहीं रखनी चाहिए। ग्रहणकाल में गले में तुलसी की माला या चोटी में कुश धारण कर लें। ग्रहण के समय गर्भवती चाकू, कैंची, पेन, पैन्सिल जैसी नुकीली चीजों का प्रयोग न करें। सूई का उपयोग अत्यंत हानिकारक है।किसी भी लोहे की वस्तु, दरवाजे की कुंडी आदि को स्पर्श न करें, न खोले और न ही बंद करें । ग्रहणकाल में सिलाई, बुनाई, सब्जी काटना या घर से बाहर निकलना व यात्रा करना हानिकारक है।
गर्भवती ग्रहणकाल में अपनी गोद में एक सूखा हुआ छोटा नारियल (श्रीफल) लेकर बैठे और ग्रहण पूर्ण होने पर उस नारियल को नदी अथवा अग्नि में समर्पित कर दे। ग्रहण से पूर्व देशी गाय के गोबर व तुलसी-पत्तों का रस (रस न मिलने पर तुलसी-अर्क का उपयोग कर सकते हैं) का गोलाई से पेट पर लेप करें । देशी गाय का गोबर न उपलब्ध हो तो गेरूमिट्टी का लेप कर सकती हैं।