कोरोना संदिग्ध समझकर डॉक्टरों ने नहीं किया इलाज, बेटे के सामने पिता की स्कूटी पर मौत

देश | 5 साल पहले | Tricity Reporter

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो



यह भारत के लिए काफी दुख भरा समय चल रहा हैं। अगर किसी भी व्यक्ति कां सांस लेने में दिक्कत और बुखार के लक्षण होते हैं तो लोग उसे कोरोना संदिग्ध मरीज मान लेते हैं। इस वजह से एक 56 साल के पिता की स्कूटी पर उसके बेटा के सामने ही मौत हो गई। 

यह मामला मध्य प्रदेश के इंदौर का हैं। जहां एक व्यक्ति को इलाज नही मिलने के कारण उसकी मौत हो गई। मृतक के बेटे ने बताया कि, उनके पिता की उम्र 56 साल हैं। वो एक बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का काम कर रहे हैं। कुछ समय पहले उनकी नाक में सीमेंट चले जाने से सांस लेने में समस्या आ रही थी। मंगलवार को एक्टिवा पर लेकर वह पिता को लेकर हॉस्पिटल-हॉस्पिटल भटकता रहा। समय पर ट्रीटमेंट न मिलने से पिता ने रास्ते में दम तोड़ दिया।

व्यक्ति का नाम पांडु राव हैं। जो इंदौर के अहिल्या पलटन के निवासी हैं। पिछले कुछ समय से तबीयत खराब होने के चलते एमवाई हॉस्पिटल में जांच कर इन्हें हॉस्पिटल से घर भेज दिया गया था। मंगलवार सुबह अचानक सांस लेने में तकलीफ के चलते परिजन उन्हें क्लॉथ मार्केट हॉस्पिटल ले गए। लेकिन वहां इलाज नहीं मिला। इसके बाद वह एमवाय हॉस्पिटल के लिए निकले लेकिन बीच रास्ते मे ही पांडु राव की मौत हो गई।

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