ग्रेटर नोएडा में लामबंद हो रहे किसान, अब केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का विरोध करेंगे, जानिए क्यों

Google Image | प्रतीकात्मक तस्वीर



Delhi-Mumbai Industrial Corridore (डीएमआईसी) परियोजना के लिए हो रहे जमीन अधिग्रहण को लेकर एसआईए (सामाजिक प्रभाव के आंकलन) की टीम मंगलवार को कठेड़ा गांव पहुंची। आरोप है कि टीम ने भूमिहीन परिवारों के फार्म नहीं भरवाए जा रहे हैं। इसको लेकर किसानों में रोष है। इसको लेकर किसानों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।

किसानों का कहना है कि एसआईए की टीम उन्हीं किसानों के फॉर्म भरवा रही है, जिनकी जमीन का अधिग्रहण होने वाला है। उन किसानों के फार्म नहीं भरवाए जिनकी जमीन परियोजना के लिए पहले ही बैनामा से ली जा चुकी थी। परियोजना से विस्थापित हो रहे गांव के गरीब भूमिहीन लोगों के फार्म नहीं भरवाए जा रहे हैं। इससे किसानों में रोष है। किसानों का कहना है की नए कानून में रजिस्ट्री से जमीन लिए जाने अथवा गांव के गरीब और भूमिहीनों को भी नए कानून का लाभ देने की व्यवस्था है।

किसान नेता सुनील फौजी ने चेतावनी दी है की यदि चिटहरा, कठेड़ा, पल्ला, पाली और बोड़ाकी आदि गांव के सभी किसानों को और भूमिहीन गरीबों को नए भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार बाजार दर का चार गुना मुआवजा, 20 परसेंट प्लॉट, सभी बालिग बच्चों को रोजगार, भूमिहीन गरीबों को पुनर्वास और गांवों का विकास नहीं किया जाएगा। आंदोलन किया जाएगा। किसानों ने कठेड़ा के शिव मंदिर में गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी की टीम के डॉ.ओमप्रकाश और डॉ.विनोद शनवाल को जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन भी सौंपा। 

इस मौके पर कठेड़ा किसान संघर्ष समिति के मनीष भाटी बीडीसी, लज्जा राम, रूप सिंह भाटी, सूरज प्रधान, सुखपाल भगत, कृष्ण भाटी, जीतराम ठेकेदार, सरोज, पूनम, माहेश्वरी, इंद्र प्रधान पल्ला, राजवीर मास्टर, राजू भाटी, विकेंद्र भाटी एडवोकेट आदि मौजूद रहे।

अन्य खबरें