GOOD NEWS: जिम्स ने प्लाज्मा थेरेपी से इलाज करके पहले मरीज को घर भेजा

Tricity Today | GIMS Greater Noida



राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में प्लाज्मा थेरेपी से कोविड-19 मरीजों का सफल उपचार शुरू हो गया है। जनपद में इस थेरेपी से पहले को ठीक करके डिस्चार्ज किया जा चुका है। जिम्स में 4 मरीजों को इलाज इस थेरेपी से अभी चल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि इसके बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। प्लाज्मा थेरेपी से गंभीर मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है और वह बीमारी को मात दे देते हैं।

कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज के लिए जिम्स लगातार प्रयास कर रहा है। 10 बेड से मरीजों का इलाज शुरू किया तो अब यहां पर 150 मरीजों के इलाज का इंतजाम हो चुका है। यहां पर कोविड-19 की जांच भी शुरू हो गई है। इसके बाद प्लाज्मा थेरेपी से इलाज करने की योजना बनाई तो इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने इसकी अनुमति दे दी। जिम्स ने इस थेरेपी से इलाज शुरू कर दिया। यहां इलाज के लिए आईं रजिया बेगम (65) को प्लाज्मा चढ़ाया गया। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए। आइसोलेशन वार्ड के प्रभारी डॉ. सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि सफल इलाज के बाद रजिया को 19 मई को डिस्चार्ज कर दिया गया।

सकारात्मक परिणाम आ रहे सामने
जिम्स में आए गंभीर मरीजों में इस थेरेपी का प्रयोग किया जा रहा है ताकि वह जल्द  स्वस्थ हो सकें। संस्थान के निदेशक डॉ. (ब्रिगेडियर) राकेश गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में भर्ती चार और मरीजों पर इस थेरेपी का प्रयोग किया जा रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। पूरे प्रोटोकॉल के साथ इस थेरेपी से मरीजों का उपचार किया जा रहा है। एक मरीज को स्वस्थ करके भेजा भी जा चुका है।

प्लाज्मा के लिए बुलाते हैं ठीक हो चुके लोग
प्लाज्मा (ब्लड कंपोनेंट) उन्हीं लोगों का लिया जाता है जो इस बीमारी से ठीक होकर जा चुके हैं। ऐसे में लोगों में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटी बॉडी तैयार हो जाती है। मरीजों को डिस्चार्ज करते समय प्लाज्मा देने के लिए बताया जाता है। यह बताया जाता है कि आपके प्लाज्मा से गंभीर मरीज ठीक हो सकते हैं। इस पर लोग प्लाज्मा देने के लिए सहर्ष तैयार हो जाते हैं।

अब तक 75 हो चुके डिस्चार्ज
जिम्स से अब तक 75 मरीजों को ठीक करके घर भेजा जा चुका है। इस अस्पताल में 150 बेड कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए तैयार हैं। वार्ड में तैनाती के लिए कई टीमें बनाई गई हैं। ये टीमें बारी-बारी से अपनी ड‘यूटी पर आती हैं। वार्ड में मरीजों के इलाज के साथ-साथ उन्हें योग आदि भी कराया जाता है।

इस तरह होता है इलाज
गंभीर मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में मरीजों को प्लाज्मा चढ़ाया जाता है। यह प्लाज्मा ठीक को चुके मरीजों से लिया जाता है।

प्लाज्मा थेरेपी के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। एक मरीज को ठीक करके घर भेजा चुका है। गंभीर मरीजों में इस थेरेपी का प्रयोग करते हैं।
डॉ. (ब्रिगेडियर) राकेश गुप्ता, निदेशक, जिम्स

अन्य खबरें