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ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सुपरटेक ईको विलेज-1 हाउसिंग सोसायटी पर विकास प्राधिकरण ने एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इस सोसायटी में रहने वाले लोगों ने प्राधिकरण में शिकायत की थी कि सोसायटी के बेसमेंट में पानी और मलबा भर गया है। बिल्डर से काफी शिकायत करने के बाद भी इसका हल नहीं निकला। प्राधिकरण ने बिल्डर को पानी और मलबा हटाने का आदेश जारी किया था। लेकिन आदेश की अनदेखी करने पर यह अर्थदंड लगाया गया है। यह जुर्माना सुपरटेक बिल्डर को भरना पड़ेगा।
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के वर्क सर्किल-3 में वरिष्ठ प्रबंधक नवीन कुमार जैन द्वारा जारी किए गए एक नोटिस में कहा गया है कि ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-1 में सुपरटेक ईको विलेज-1 का 14 मार्च को निरीक्षण किया गया था। प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूखंड पर बिल्डर ने आवासीय फ्लैटों का निर्माण किया है। जिसमें बड़ी संख्या में पिरवार रह रहे हैं। भूखंड के आंशिक भाग पर फ्लैटों और कार्मिशयल स्पेस पर बेसमेंट अर्धनिर्मित है। जो निरीक्षण में बंद पाया गया था। अर्धनिर्मित कॉमर्शियल साइट के बेसमेंट और खुले भाग में पानी भरे होने के साथ-साथ मलबा भी पड़ा था।
नोटिस में कहा गया है कि पानी और मलबा पड़ा होने के कारण फ्लैटों में रह रहे आवंटियों को परेशानी हो रही है। लोगों ने बेसमेंट के भीतर जलभराव और मलबा की शिकायत प्राधिकरण के अधिकारियों से की थी। जिस कारण प्राधिकरण की छवि धूमिल हुई है। इसके बाद प्राधिकरण के अधिकारियों ने बिल्डर से बेसमेंट में भरे पानी और मलबे को हटाने का आदेश पारित किया था। पानी भरा होने के कारण वहां संक्रमण फैलने का अंदेशा बना हुआ है।
प्राधिकरण के आदेश के बावजूद भी बिल्डर ने न तो पानी हटाया और न ही मलबे को हटाने का काम किया है। इसलिए प्राधिकरण ने बिल्डर पर एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। साथ ही आदेश दिया है कि वह जुर्माने की धनराशि को एक सप्ताह के भीतर प्राधिकरण में जमा करे।
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