Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
ग्रेटर नोएडा के एक मुस्लिम बाहुल्य गांव में सामाजिक-आर्थिक गणना करने पहुंचे सरकारी कर्मचारियों को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। मारपीट की गई। मामले में पुलिस ने 50 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्श (NRC) को लेकर सरकार बार-बार रुख साफ कर चुकी है कि अभी कोई फैसला नहीं किया गया है। लेकिन, अफवाह थम नहीं रही हैं। यूपी के ग्रेटर नोएडा में आर्थिक-सामाजिक डेटा के आंकड़े जुटाने गए एक कर्मचारी को लोगों ने इसलिए पीट दिया क्योंकि उन्हें लगा कि वह NRC के लिए आया है।
ग्रेटर नोएडा में जारचा थाने के छौलस गांव में एक कर्मचारी आर्थिक आंकड़े जुटाने के लिए पहुंचा था। वह गांव में पहुंचा ही कि वहां NRC टीम के पहुंचने की अफवाह फैल गई। यह पूरी तरह मुस्लिम बाहुल्य गांव है। कुछ लोगों ने उस पर हमला कर दिया और बुरी तरह घायल कर दिया। पीड़ित कर्मचारी ने मकान मालिक समेत गांव के 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ जारचा कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
उसने शिकायत में कहा है कि लोगों ने उसे NRC के लिए सर्वे करने वाला समझकर पीटा। किसी तरह वह वहां से भागने में कामयाब रहा। गौरतलब है कि संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच कुछ लोग NRC को लेकर भी सशंकित हैं। हाल ही में सरकार ने संसद में कहा है कि इस संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि इस मुद्दे पर सरकार में कोई चर्चा नहीं हुई है।