Tricity Today | इंटरनेशनल गुर्जर डे 2019 की हाइलाइट्स
गुर्जर परिवार और GICCI (गुर्जर इंटरनेशनल चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज) गुर्जर समाज के सबसे बड़े वार्षिक उत्सव अंतर्राष्ट्रीय गुर्जर दिवस का आयोजन प्रत्येक वर्ष 22 मार्च (नव शक संवत वर्ष के शुभारंभ) पर करता है। इस उत्सव को गुर्जर समुदाय के करोडों लोग जम्मू-कश्मीर से लेकर महाराष्ट्र तक लगभग 17 राज्यों में बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। इस बार का कार्यक्रम 22 मार्च 2020 को ग्रेटर नोएडा और दिल्ली के सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में आयोजित किया जाना था। लेकिन, देश में कोरोना वायरस के रूप में आई महामारी को देखते हुए इसे रदद् करना पड़ा। हालांकि, देशभर के गुर्जर समाज ने सोशल मीडिया पर सेलेब्रेट किया।
सतेंद्र नागर ने बताया कि इस बार शिक्षा और स्पोर्ट्स थीम को बढ़ावा देने के लिए इसका आयोजन होना था। जिसको कोरोना महामारी के विरुद्ध उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की मुहिम जनता कर्फ्यू को पूर्ण समर्थन करते हुए हमारी टीम ने देशहित में स्थागित कर दिया है।
बिट्टू कासाना ने कहा, आज 22 मार्च रविवार को देशभर का गुर्जर समाज अपने इस वार्षिक उत्सव को शिक्षा व खेल के प्रति जागरूकता बढ़ाने और कोरोना के ख़िलाफ़ सावधानी बरतने के लिए सोशल मीडिया के जरिये सन्देश प्रसारित कर रहा है। जिस पर लाखों लोगों का रेस्पॉन्स आ रहा है।
जीआइसीसीआई की ओर से सुनील नागर ने बताया गया कि विगत 5 वर्षों में हमने इस उत्सव को गुर्जर समुदाय और देश के कल्याणार्थ अलग-अलग थींम पर आयोजित किया है। जिसमे 2016 में ग्रामीण विकास, 2017 में महिला सशक्तिकरण, 2018 में कला व संस्कृति, 2019 में शहीदों और देश रक्षकों के सम्मान में आयोजित किया था। प्रत्येक वर्ष हमारे मुख्य आयोजन स्थलों पर कार्यक्रम में देशभर से 10 हज़ार से अधिक गुर्जर बुद्धिजीवियों ने उपस्थिति दर्ज की है।
प्रशांत भाटी ने बताया कि विगत वर्ष 2019 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निमंत्रण भेजा गया था। वह चुनाव आचार संहिता और चुनावी व्यस्तताओं के कारणवश नहीं आ सके थे। उन्होंने कार्यक्रम के बाद बधाई पत्र जारी करके गुर्जर समाज और हमारी टीम का हौसला बढ़ाया था।
आयोजक मंडल के सदस्य विकास विधूड़ी का कहना है कि देशभक्ति, शिक्षा, राष्ट्ररक्षा, एंटरप्रेन्योरशिप, महिला सशक्तिकरण, खेल, समाज सुधार, स्वछता और अन्य सामाजिक मुद्दों पर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर जागरूकता के निरंतर प्रयास यह संस्था कर रही है। आयोजन में मनोज नागर, खविंद्र चौहान और केपीएस गुर्जर का महत्वपूर्ण योगदान रहता है।