Tricity Today | IAS Shrijana Gummala
कोरोनावायरस के खिलाफ चल रही जंग में जहां तमाम लोग ऐसे हैं, जो येन केन प्रकारेण अपनी ड्यूटी कटवाकर या छोड़कर गायब होने की जुगत भिड़ा रहे हैं। वहीं, एक महिला आईएएस अफसर ने शानदार नजीर पेश की है। महिला अधिकारी मेटरनिटी लीव पर थीं। उन्होंने अपनी मेटरनिटी लीव कैंसिल कर ली। महज 22 दिन के मासूम बच्चे को लेकर दफ्तर पहुंच गईं। उनका कहना है कि यह वक्त आराम का नहीं, इस महामारी से लड़ने का है।
कोरोना वायरस से देश जहां संकट से गुजर रहा है, वहीं कुछ ऐसे चेहरे सामने आ रहे हैं जो अपने घर परिवार को छोड़कर समाज की चिंता कर रहे हैं। इस संकट काल में पुलिस, डॉक्टरों और अधिकारियों के मानवीय चेहरे लोगों को बचाने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं। ऐसी ही एक महिला अधिकारी श्रृजना गुम्माला हैं।
आईएएस श्रृजना आंध्र प्रदेश के ग्रेटर विशाखापट्टनम में नगर निगम की कमिश्रर हैं। उन्हें छह महीने की मैटरनिटी लीव मिली थी, लेकिन उन्होंने छुट्टी लेने से इनकार कर दिया और महज 22 दिन के बच्चे को लेकर ड्यूटी जॉइन कर ली।
आईएएस श्रृजना का कहना है कि वह मैटरनिटी लीव पर थीं, लेकिन उनका मन नहीं लग रहा था। वह एक जिम्मेदार अधिकारी के तौर पर घर में नहीं रुक सकती थीं। उन्होंने अपने मातृत्व के साथ ही फर्ज को भी अहमियत दी। श्रृजना ने बताया कि उन्होंने अपनी छुट्टियां निरस्त कर दीं और वापस काम पर लौट आईं। वह अपने 22 दिन के बच्चे को घर पर नहीं छोड़ सकती थीं इसलिए सारे सावधाऩी के साथ दफ्तर पहुंच गईं।
बच्चे को गोद में रखकर वह दफ्तर का काम करती हैं। उन्होंने कहा कि भले ही वह एक अधिकारी के रूप में सख्त हों लेकिन एक मां के रूप में वह बहुत संवेदनशील हैं। उन्होंने बताया कि इस इमरजेंसी के दौरान लोगों को साफ पानी मुहैया कराना और साफ सफाई सुनिश्चित करना जरूरी है।
श्रृजना ने कहा कि जब प्रदेश के मुख्यमंत्री दिनरात मेहनत कर रहे हैं तो वह अपनो थोड़ा योगदान क्यों नहीं दे सकतीं। उनके फर्ज को निभाने में उनका परिवार भी योगदान कर रहा है। सृजना ने बताया कि सबके कहने के बाद अब वह बच्चे को घर पर छोड़कर आ रही हैं। उन्होंने फैसला लिया है कि हर चार घंटे में जाकर बच्चे को फीड कराएंगी। इन दिनों उनके वकील पति भी बच्चे की देखरेख में लगे हैं।
आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में कोरोना वायरस के पांच नए मामले सामने आए, जिससे राज्य में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 386 हो गई। राज्य में कोरोना वायरस के अब तक छह लोगों की जान जा चुकी है जबकि 10 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। कुरनूल जिले के पांच नए मरीज तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लेने वालों के परिवार के सदस्य हैं। कुरनूल 82 मामलों के साथ राज्य में सबसे अधिक प्रभावित जिला है, उसके बाद 58 मामले के साथ गुंटूर दूसरे स्थान पर है।