शाहबेरी में धड़ल्ले से चल रहा निर्माण, कोई रोकने टोकने वाला नहीं

Tricity Today | Construction is still going on in Shahberi



ग्रेटर नोएडा वेस्ट के शाहबेरी में कहने को तो ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने निर्माण गतिविधियों पर वर्षों से पाबंदी लगा रखी है, लेकिन हकीकत इससे कहीं जुदा है। अब ऐसे वक्त में जब प्रदूषण के चलते निर्माण गतिविधियां सीमित हैं, इसके बावजूद शाहबेरी में अवैध निर्माण धड़ल्ले से चल रहा है। पूरे शाहबेरी के इलाके में 100 से ज्यादा जगहों पर निर्माण किया जा रहा है। प्रॉपर्टी डीलर, बिल्डर और प्लॉट खरीदने वाले लोग फ्लैट विला और मकान बना रहे हैं।

शाहबेरी में चल रही अवैध गतिविधियों के खिलाफ सचिन राघव कई वर्षों से आवाज उठा रहे हैं। वह अब तक प्रधानमंत्री से लेकर तमाम सरकारी विभागों और अफसरों को 50 से ज्यादा बार शिकायत पत्र भेज चुके हैं। उनकी शिकायतों पर पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने संज्ञान तो लिया लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। गुरुवार को सचिन राघव ने ट्राईसिटी टुडे को कुछ वीडियो उपलब्ध करवाए हैं। इन वीडियो में साफतौर पर देखा जा सकता है कि शाहबेरी में खुलेआम अवैध निर्माण किया जा रहा है। सचिन राघव का कहना है कि शाहबेरी में कभी अवैध निर्माण रोका ही नहीं गया है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण, जिला प्रशासन और पुलिस केवल अवैध निर्माण रोकने के नाम पर कागजी खानापूर्ति करते हैं। अगर शासन स्तर पर शिकायत की जाती है तो गौतमबुद्ध नगर के अफसर सरकार को फर्जी रिपोर्ट बनाकर भेज देते हैं।

अवैध इमारतों में भी रहने लगे हैं खरीदार

शाहबेरी से जुड़े मामलों में पैरवी कर रहे लोगों का कहना है कि जिन अवैध इमारतों को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने सील किया था, उनमें फ्लैट खरीददार आकर बस गए हैं। बड़ी संख्या में लोग इन खतरनाक इमारतों में रह रहे हैं। जबकि , आईआईटी दिल्ली शाहबेरी में बनी अधिकांश इमारतों को खतरनाक घोषित कर चुकी है। विकास प्राधिकरण आईआईटी की रिपोर्ट मिलने के बावजूद अब तक कोई फैसला नहीं ले पाया है। प्राधिकरण ने इन इमारतों को तोड़ा नहीं है और ना ही इमारतों को रहने लायक घोषित किया है। लिहाजा, शाहबेरी में कभी भी दोबारा कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

भू-माफिया, बिल्डर, प्रॉपर्टी डीलर कुछ लोगों के साथ मिलकर गैंग बना रहे हैं

शाहबेरी में सक्रिय रहे भू-माफिया, बिल्डर और प्रॉपर्टी डीलरों ने बड़ी संख्या में फ्लैट खरीदारों को आगे करके एक अजीब तरह का गैंग बना लिया है। फ्लैट खरीदारों के परिवारों की महिलाओं और युवतियों को सरकारी दफ्तरों में भेजकर प्रशासनिक अधिकारियों, विकास प्राधिकरण के अफसरों और पुलिस कर्मियों पर दबाव डाला जा रहा है। यह गैंग प्राधिकरण, कमिश्नरेट और कलेक्ट्रेट में जाकर अर्जियां देता है। शाहबेरी में हुए अवैध निर्माण को नियमित करने की मांग करता है। वहां पानी, सीवर, बिजली के कनेक्शन और नालियां बनाने की मांग करता है। इतना ही नहीं शाहबेरी में हुए अवैध निर्माण का विरोध करने वालों के खिलाफ भी साजिश रची जा रही है। पिछले दिनों ऐसी ही एक युवती ने सचिन राघव को फोन करके आत्महत्या करने की धमकी दी थी। शाहबेरी मामले में खबरें प्रकाशित नहीं करने के लिए पत्रकारों पर भी दबाव बनाया जा रहा है।

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