Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर को यमुना एक्सप्रेस वे से जोड़ने के लिए 100 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण किया जाएगा। इस सड़क का निर्माण अगले दो महीने में शुरू हो जाएगा। करीब 850 मीटर लंबी छह लेन की इस सड़क को बनाने में 5.11 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यमुना प्राधिकरण ने इसके टेंडर निकाल दिए हैं।
जेवर में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की यमुना एक्सप्रेस वे से सीधी कनेक्टिविटी होगी। इसके लिए एक शानदार सड़क का निर्माण किया जाएगा। यह सड़क दयानतपुर गांव के सामने एयरपोर्ट को यमुना एक्सप्रेस वे से जोड़ेगी। यमुना प्राधिकरण ने इस सड़क का एस्टीमेट बना लिया है। यह सड़क करीब 850 मीटर लंबी होगी। एयरपोर्ट का ट्रैफिक भी अधिक होगा, इसलिए इसे छह लेन का बनाया जाएगा। इस पर 5.11 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह सड़क यमुना एक्सप्रेस वे से एयरपोर्ट की बाउंड्री तक जाएगी।
एयरपोर्ट की जमीन के चारों ओर तार फेंसिंग और पिलर लगवा दिए गए हैं। ताकि यह पता चल सके कि यह एयरपोर्ट की जमीन है। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि इस सड़क को बनाने के लिए तैयारी पूरी हो गई हैं। इसका टेंडर निकाल दिया गया है। टेंडर फाइनल होते ही काम शुरू करा दिया जाएगा। इस सड़क के बनने से एयरपोर्ट से एक्सप्रेस वे की कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। सड़क के साथ ही एक्सप्रेस वे पर उतार चढ़ाव भी बनाए जाएंगे।
सीईओ ने बताया कि इस सड़क के लिए करीब 59 हेक्टेयर जमीन का उपयोग किया जाएगा। इस जमीन का बड़ा हिस्सा यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के पास उपलब्ध है। थोड़ी बहुत जमीन अभी खरीदी जानी है। इसलिए प्राधिकरण ने जमीन खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस सड़क के निर्माण के रास्ते में किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं है। सड़क का निर्माण इस तरह किया जाएगा कि इसे कभी भी और चौड़ा किया जा सकता है। मतलब, आवश्यकता पड़ने पर इस छह लेन की सड़क को आठ लेन का बनाया जा सकेगा।
एयरपोर्ट को लेकर बुधवार को लखनऊ में हुई बैठक
कोरोना महामारी के चलते घरेलू और अतंरराष्ट्रीय उड़ानें बंद हैं। इसके चलते एयरपोर्ट की विकासकर्ता कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी के प्रतिनिधि भारत नहीं आ सकते हैं। उनके नहीं आने से एयरपोर्ट के लिए नोएडा इंटरेशनल एयरपोर्ट लिमिटेट (नियाल) और स्विस कंपनी के बीच अनुबंध नहीं हो पा रहा है। इसको लेकर बुधवार को लखनऊ में एयरपोर्ट के लिए बनी प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग एंड इंप्लीमेंटेशन कमेटी (पीएमआईसी) की बैठक हुई। बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी भी शामिल हुए। बैठक में तय किया गया कि जिस दिन से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू हो जाएंगी, उस दिन से 45 दिन के भीतर यह अनुबंध किया जाएगा। समय बढ़ने से स्विस कंपनी को भी राहत मिली है। दरअसल, स्विस कंपनी के कुछ डायरेक्टर मलेशिया और कुछ स्विटजरलैंड में रहते हैं। इसके चलते वह यहां नहीं आ पा रहे हैं।