Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
जेवर में प्रस्तावित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को यमुना एक्सप्रेस वे से जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण काम शुरू कर दिया गया है। जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए यमुना एक्सप्रेस वे से एक लिंक रोड बनाई जाएगी। जिसके लिए सोमवार को यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने टेंडर जारी कर दिया है। अगले 3 से 4 महीने में यह लिंक रोड बनकर तैयार हो जाएगी। जिसके बाद यमुना एक्सप्रेस वे सीधे जेवर एयरपोर्ट से जुड़ जाएगा।
यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो पॉइंट से 26 किलोमीटर दूर यह लिंक रोड बनाया जाएगा। जेवर एयरपोर्ट की चारदीवारी और यमुना एक्सप्रेस वे के बीच इस लिंक रोड की लंबाई करीब 750 मीटर होगी। यह मार्ग 75 मीटर चौड़ा होगा। फिलहाल इसे छह लेन का बनाया जाएगा। आने वाले समय में इसे विस्तारित करके 8 लेन का भी बनाया जा सकता है। इस सड़क के निर्माण पर यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण 5.5 करोड रुपए खर्च करेगा। यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि परियोजना का टेंडर जारी कर दिया गया है। उम्मीद है कि अगले 3 से 4 महीने में यह मार्ग बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद यमुना एक्सप्रेस वे जेवर एयरपोर्ट आपस में जुड़ जाएंगे। दिवाली के बाद इस मार्ग का निर्माण शुरू हो जाएगा।
एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी पर यमुना प्राधिकरण का पूरा ध्यान
जेवर में बनने वाले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को लेकर यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण पूरा ध्यान लगाए हुए है। एयरपोर्ट को यमुना एक्सप्रेस वे, गंगा एक्सप्रेस वे, पेरिफेरल एक्सप्रेस वे, नेशनल हाईवे, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे, दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन, मेट्रो और लाइट मेट्रो से जोड़ा जा रहा है। इन सारी कनेक्टिविटी के लिए यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण तैयारियां पूरी कर चुका है।
जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने अगले 50 सालों का खाका तैयार कर लिया है। यहाँ कब क्या होगा, यह पूरी जानकारी आज हम आपको दे रहे हैं। इसके लिए टेक्निकल फिजिबिलिटी रिपोर्ट (टीईएफआर) तैयार हो गई है। टीएफआर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने बनवाई है। जिसमें ये जानकारी दी गई है।
टीएफआर के मुताबिक Jewar Airport के दूसरे चरण का निर्माण वर्ष 2042 में शुरू किया जाएगा। इस चरण में एयरपोर्ट पर तीसरे, चौथे, पांचवें और कार्गो रनवे का निर्माण किया जाना है। दूसरे चरण को चार पार्ट में पूरा किया जाएगा। हर पार्ट के खर्च और यात्रियों की संख्या का आंकलन टीएफआर तैयार करने वाली एजेंसी ने किया है। एक के बाद एक पार्ट पूरा किया जाएगा। पहले चरण में दो रनवे का निर्माण होना है। इसके लिए जल्द काम शुरू होने वाला है। इसके लिए ज्यूरिख इंटरनेशनल से नियाल (Noida International Airport Limited) का करार हो चुका है। इसके साथ ही दूसरे चरण की भी तैयारी शुरू हो गई हैं। दूसरे चरण में तीन रनवे बनेंगे। इस तरह यह एयरपोर्ट कुल पांच रनवे का बनाया जाएगा। जिसकी बदौलत यह एशिया और भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन जाएगा।
दुसरे फेज पर 31,114 करोड़ रुपये होंगे खर्च
Jewar Airport के दूसरे चरण पर तीन यात्री रनवे के साथ-साथ एक रनवे कार्गो के लिए बनेगा। नियाल ने टेक्निकल फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूसी को दी थी। पीडब्ल्यूसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एयरपोर्ट के दूसरे चरण का निर्माण साल 2042 में शुरू किया जाना चाहिए। इसके लिए 4751 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। जिसका अधिग्रहण करने का काम जल्दी शुरू होने वाला है। परियोजना के दुसरे चरण पर 31 हजार 114 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
टीईएफआर के बाद मास्टर प्लान बनेगा
टीईएफआर के बाद जेवर एयरपोर्ट का मास्टर प्लान बनेगा। इसे चार पार्ट में बांटकर बनाया जाएगा। साल 2069 में यह परियोजना पूरी हो जाएगी। मतलब जेवर एयरपोर्ट को मुक़्क़मल रूप लेने में पूरे 50 साल का वक्त लगेगा। पहले पार्ट में 8820 करोड़ रुपये खर्च होंगे। दूसरे पार्ट में 7121 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। तीसरे पार्ट में 8228 करोड़ और चौथे पार्ट में 6964 करोड़ रुपये खर्च होंगे। टीईएफआर के बाद अब इस परियोजना के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।
जेवर एयरपोर्ट की यह है 50 साल की योजना
पहले चरण में 2024 में उड़ान शुरू करने का लक्ष्य है। तीसरा रनवे वर्ष 2042 में शुरू होगा। जिसके बाद यहाँ से सालाना 44.10 मिलियन यात्री प्रति वर्ष आवागमन करेंगे। चौथा रनवे वर्ष 2049 में शुरू होगा। तब यहाँ से हर साल 51.14 मिलियन यात्री उड़ान भरेंगे।