EXCLUSIVE: गौतमबुद्ध नगर में कोरोना के खिलाफ चल रही मुहिम में बड़ी घटना, क्वारंटाइन सेंटर से अस्पताल गया मरीज एक माह से लापता, एफआईआर

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गौतमबुद्ध नगर में कोरोनावायरस के खिलाफ चल रही मुहिम को बड़ा झटका लगा है। एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसे जानकर आश्चर्य भी होता है और व्यवस्था पर सवाल भी खड़े हो जाते हैं। ग्रेटर नोएडा के क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती करवाया गया एक युवक गायब हो गया है। करीब एक महीने से यह युवक गायब है और अब जाकर उसकी तलाश शुरू की गई है। मामले में क्वॉरेंटाइन सेंटर के प्रभारी की ओर से दनकौर कोतवाली में एफआइआर दर्ज करवाई गई है। जिसके बाद पुलिस पूरे मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।

मिली जानकारी के मुताबिक ग्रेटर नोएडा में दनकौर क्षेत्र के क्वॉरेंटाइन सेंटर से ग्रेटर नोएडा के अस्पताल भेजा गया कोरना वायरस से संदिग्ध मरीज एक माह से लापता है। अब गुरुवार को क्वॉरेंटाइन सेंटर के इंचार्ज की ओर से दनकौर कोतवाली में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस लापता संदिग्ध मरीज की तलाश कर रही है।

मूल रूप से झारखंड के देवघर जिले के निवासी रंजीत अपने एक साथी राजकुमार के साथ ग्रेटर नोएडा की एक ट्यूब लाइट कंपनी में नौकरी करता था। 19 अप्रैल को 3:45 बजे 21 वर्षीय रंजीत को क्वारंटीन सेंटर में भर्ती कराया गया था। हालत बिगड़ने पर उसे जिम्स में भर्ती कराया गया। देर रात फिर उसे वापिस सेंटर में भेज दिया गया।

अगले दिन रणजीत की हालत फिर बिगड़ गई

मिली जानकारी के मुताबिक 23 अप्रैल को रंजीत की हालत एक बार फिर बिगड़ गई थी। उसे क्वारंटीन सेंटर से 2 डॉक्टरों की टीम के साथ ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल एंबुलेंस से रेफर किया गया था। रंजीत के साथ दूसरी एंबुलेंस में उसका साथी भी अस्पताल गया था।
   
रणजीत के साथी की रिपोर्ट नकारात्मक आई

25 अप्रैल को रंजीत के साथी राजकुमार की कोरोना वायरस टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। जिस कारण उसे क्वारंटीएन सेंटर से डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया था। लेकिन रंजीत की रिपोर्ट राजकुमार की रिपोर्ट आने तक प्रतीक्षा में थी। आज तक न तो रंजीत की रिपोर्ट आई है और न उसका कोई पता लगा है।

एक महीने बाद 14 मई को क्यों तलाश शुरू हुई

रंजीत कोरना संदिग्ध था। वह क्वारंटाइन सेंटर से अस्पताल गया था। इसी बीच वह अचानक कहां और कैसे गायब हो गया? यह चौंकाने वाली और आश्चर्यजनक बात है। करीब एक महीने बाद 14 मई को उसकी तलाश शुरू हुई। क्वारंटाइन सेंटर के इंचार्ज ने अस्पताल जिम्स और सेक्टर-30 स्थित सरकारी अस्पताल सहित पोस्टमार्टम हाउस तक रंजीत की तलाश की। लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। क्वारंटाइन सेंटर के इंचार्ज डॉ अनिल गुप्ता की रिपोर्ट पर सेंटर के कंप्यूटर ऑपरेटर दीपांशु गोयल ने दनकौर कोतवाली में अब रणजीत के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई है। पुलिस एक माह से लापता रंजीत की तलाश कर रही है।

मामले की जाँच शुरू हो गई है : डीसीपी

इस मामले में ग्रेटर नोएडा के पुलिस उपायुक्त राजेश कुमार सिंह का कहना है कि क्वॉरेंटाइन सेंटर के प्रभारी की ओर से शिकायत दी गई है। जिसमें बताया गया है कि वहां भर्ती किया गया एक मरीज गायब है। इस मामले में दनकौर कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। जांच शुरू की गई है। जल्दी ही गुमशुदा के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।

7 सवाल, जिनका उत्तर नहीं मिल रहा है

  1. कोरोना का संदिग्ध मरीज एक माह से गायब है। अब तक उसका पता क्यों नहीं लगाया गया है?
  2. आखिर रंजीत कहां गया? वह अस्पताल में भर्ती हुआ या नहीं?
  3. उसकी कोरोना रिपोर्ट का क्या हुआ? रिपोर्ट अब तक क्यों नहीं आई?
  4. रंजीत जहां ग्रेटर नोएडा में रहता था, वहां अब नहीं है और गांव भी नहीं पहुंचा। आखिर वह कहां गया?
  5. रंजीत 23 अप्रैल को क्वॉरेंटाइन सेंटर से शारदा हॉस्पिटल के लिए रेफर हुआ। 13 मई तक भी उसकी रिपोर्ट नहीं आई और ना ही उसका कोई पता चल पाया। 14 मई को 21 दिन बाद उसकी तलाश इतनी देरी से क्यों शुरू हुई?
  6. रंजीत को सरकारी एंबुलेंस से भेजा गया था। एंबुलेंस में स्टाफ के कई लोग साथ जाते हैं। आखिर उन्होंने रंजीत को कहां छोड़ा?
  7. अगर रंजीत उनके कब्जे से भाग गया तो उन्होंने समय पर रिपोर्ट क्यों नहीं की? यदि उन्होंने रंजीत को अस्पताल में भर्ती किया था तो फिर अस्पताल रंजीत के भर्ती होने से इंकार क्यों कर रहा है?

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