Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
बाबा रामदेव और उनकी आयुर्वेदिक दवा बनाने वाली कंपनी पतंजलि ने कोरोना वायरस के खिलाफ दवा तैयार कर लेने का दावा किया था। इस दवाई की बिक्री भी मार्केट में शुरू कर दी गई है। जिसका सोशल मीडिया टीवी चैनल और दूसरे प्रचार माध्यमों में तेजी के साथ विज्ञापन किया जा रहा है। अब केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय की ओर से इस दवा को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। मंत्रालय ने साफ कहा है कि बाबा रामदेव और पतंजलि की दवा और उनके दावों से हमारा कोई लेना देना नहीं है। आयुष मंत्रालय ने सभी प्रचार माध्यमों को इस दवा से जुड़े विज्ञापन बंद करने का आदेश दिया है।
केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस पर पतंजलि की दवा और दावों की हमें जानकारी नहीं हैं। मंत्रालय ने कहा है, कम्पनी से ब्योरा मांगा गया है। साथ ही इस दवा का विज्ञापन भी रोकने को कहा गया है। बाबा रामदेव ने मंगलवार की सुबह इस दवा की लॉन्चिंग की थी उन्होंने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करके दावा किया था कि यह दवाई 5 दिनों में कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति को ठीक कर सकती है। उन्होंने यह भी बताया था कि वह इसका क्लीनिकल ट्रायल कर चुके हैं। जिसके बहुत शानदार परिणाम आए हैं। बाबा रामदेव ने यह भी दावा किया था कि दवाई पूरी तरह आयुर्वेदिक है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
बाबा रामदेव ने बताया था कि बड़ी संख्या में कोरोना के पीड़ित मरीजों को यह दवाई दी गई है। जिसका शत-प्रतिशत परिणाम सामने आया है। उन्होंने तो यहां तक दावा किया है कि इस दवाई को लेने के साथ किसी अन्य दवाई को लेने की आवश्यकता नहीं है। बाबा रामदेव की यह दवा ऑनलाइन आर्डर पर सीधे घर आपूर्ति की जाएगी। इस दवाई की किट ₹545 में उपलब्ध है। अब शाम होते-होते केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय ने बाबा रामदेव की दवा और वादों की जानकारी होने से साफ इंकार कर दिया है।
आयुष मंत्रालय ने साफ कहा है कि उसे बाबा रामदेव की दवाई के बारे में कोई जानकारी नहीं है। लिहाजा, दवाई के प्रचार को भी रोक दिया जाए। दूसरी और बाबा रामदेव ने दावा किया था कि हमने दवाई के लिए जो क्लीनिकल ट्रायल किया है उसका डाटा और रिजल्ट कोई भी देख सकता है।