Tricity Today | नोएडा में बैठकर मुम्बई के लड़के यूरोप-अमेरिका में लगा रहे थे चूना, खुद को बताते थे पुलिस और इंटेलिजेस के अफसर, गिरफ्तार
नोएडा पुलिस ने युवकों का एक ऐसा गैंग पकड़ा है, जो लॉकडाउन के दौरान फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था। मुंबई के रहने वाले युवक खुद को पुलिस और इंटेलिजेंस के अफसर बताकर लोगों को ब्लैकमेल कर रहे थे। अब तक सैकड़ों लोगों को लाखों रुपए का चूना लगा चुके हैं। पुलिस ने उनके पास से फर्जी आईडी पर हासिल किए गए मोबाइल फोन कनेक्शन, इंटरनेट कॉलिंग और कम्युनिकेशन सिस्टम बरामद किए हैं।
मीडिया सेल ने बताया कि नोएडा के थाना सेक्टर-39 नोएडा पुलिस ने 7 युवकों को गिरफ्तार किया है। युवक लॉकडाउन का उल्लंघन करके फर्जी कॉल सेन्टर चला रहे थे। लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे थे। अवैध धन अर्जित करने वाला यह गिरोह गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके कब्जे से फर्जी कॉल सेन्टर चलाने के लिए प्रयुक्त किए जा रहे उपकरण बरामद किए गए हैं।
थाना सेक्टर-39 पुलिस ने चैकिंग के दौरान सेक्टर-105 में मकान नम्बर सी-213 पर छापा मारा। पुलिस को यहां फर्जी काल सेन्टर चलाने की जानकारी दी गई थी। इस सूचना पर विश्वास करते हुए पुलिस ने दूरसंचार विभाग के सहायक निदेशक जियाउर रहमान को जानकारी दी। पुलिस उन्हें साथ लेकर साथ लेकर गुरुवार को बताए गए पते पर पहुंची। वहां से 7 शातिर युवकों के एक गिरोह को पकड़ा गया है। यह गिरोह फर्जी कॉल सेन्टर चलाकर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहा था।
ऐसे लगाते थे लोगों को चूना
युवकों से पूछताछ की गयी तो बताया कि इन लोगों का एक गिरोह है। जिसका सरगना धवल उर्फ देवेन्द्र है। यहां पर एक फर्जी काॅल सेन्टर चलाकर लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हैं। अवैध धन अर्जित करते हैं। यह लोग शाफ्ट डायलर साफ्टवेयर के माध्यम से विदेशों मे वीओआईपी कॉल करते थे। यूरोप और अमेरिका के लोगों को डराते थे कि आपके सोशल सिक्योरिटी नम्बर से कोई अपराध किया गया है। आप ड्रग्स ट्रैफिकिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और वाहन अपराध में आरोपी हैं। युवक अपने आपको विभिन्न पुलिस और इंटेलीजेन्स एजेन्सियों से बताते थे। लोगों से जुर्माने के रूप मे धनराशि वसूल करते थे। इसी बहाने उनके बैंक एकाउन्ट और क्रेडिट कार्ड की डिटेल हासिल कर लेते थे। उससे पैसा निकाल लेते थे।
नोएडा पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 283/20 धारा 420, 120बी, 188 आईपीसी, धारा 66-डी आईटी एक्ट और धारा 4, 20, 21 भारतीय तार अधिनियम के तहत पंजीकृत किया गया।
गिरफ्तार किए गए युवक
फरार अभियुक्तों का विवरण
बरामद सामान