नोएडा-दिल्ली के बीच चिल्ला बॉर्डर किसानों ने फिर बंद किया, ट्रैफिक डीएनडी और दूसरे रास्तों की तरफ डायवर्ट

नोएडा | 4 साल पहले | Mayank Tawer

Tricity Today | नोएडा-दिल्ली के बीच चिल्ला बॉर्डर किसानों ने फिर बंद किया



नोएडा में केंद्र सरकार के खिलाफ डेरा डालकर बैठे किसानों ने शनिवार की सुबह एक बार फिर चिल्ला बॉर्डर को बंद कर दिया है। अभी तक दिल्ली पुलिस के निवेदन पर किसानों ने दिल्ली से नोएडा आने वाला रास्ता खोल रखा था। हालांकि, 5 दिन से नोएडा से दिल्ली की ओर जाने वाला मार्ग बंद पड़ा हुआ था। अब शनिवार की सुबह एक बार फिर किसानों ने यह रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया है। जिसके चलते दोनों और लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। हालात काबू करने के लिए नोएडा और दिल्ली पुलिस ने कड़ी मशक्कत करके ट्रैफिक डायवर्ट किया है। किसानों ने घोषणा कर दी है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक रास्ता नहीं खुलेंगे।

दूसरी ओर गाजियाबाद में भी यूपी गेट पर किसानों का हंगामा जारी है। शनिवार को दिन निकलते ही किसानों ने एक बार फिर दिल्ली में घुसने की कोशिश की। दिल्ली पुलिस और गाजियाबाद पुलिस ने मिलकर किसानों को रोका है। वहां किसान दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे करीब 10 दिनों से जाम कर के बैठे हुए हैं। शुक्रवार को पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों से लंबी बातचीत के बाद किसानों ने एंबुलेंस के लिए एक कोरिडोर बनाया था। जिसके बाद अफसरों ने थोड़ी राहत की सांस ली थी। शुक्रवार की रात तराई किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ झड़प की थी। पुलिस का आरोप है कि किसानों ने उनके ऊपर गाड़ियां चढ़ाने का प्रयास किया है। इस मामले में पुलिस एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में है।

अब शनिवार की सुबह नोएडा में भी किसानों ने उग्र रूप धारण कर लिया है। भारतीय किसान यूनियन (भानु) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने गौतमबुद्ध नगर द्वार के पास रोड को पूरी तरह ब्लॉक कर दिया है। पांच दिन पहले किसानों ने यहां डेरा डाला था। दिल्ली में प्रवेश करने की मांग की थी। किसानों का कहना है कि वह जंतर मंतर पर जाकर धरना देंगे। जब तक केंद्र सरकार किसान कानूनों को वापस नहीं लेगी, तब तक दिल्ली घर कर बैठे रहेंगे। अब शनिवार की सुबह किसानों ने एक बार फिर दिल्ली और नोएडा के बीच आवागमन के मुख्य मार्ग को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया है। नोएडा और दिल्ली पुलिस के अधिकारी किसानों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन किसानों ने साफ कर दिया है कि अब जब तक उनकी बात नहीं मानी जाएगी, वह रास्ता नहीं छोड़ने वाले हैं। इन हालातों के चलते शहर के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब ट्रैफिक का पूरा दबाव डीएनडी पर आ गया है। नोएडा और दिल्ली के बीच दूसरे वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करके आवागमन करने की सलाह ट्रैफिक पुलिस ने दी है।

भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह का कहना है कि सरकार किसानों को हल्के में ले रही है। हम लोगों की भावनाओं से खेलने की कोशिश की जा रही है। हम सरकार को चेतावनी देते हैं कि इस मामले को गंभीरता से लें और किसानों को कानून-व्यवस्था हाथ में लेने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार के कानून पूरी तरह किसान विरोधी हैं। जब तक इन कानूनों को वापस नहीं ले लिया जाएगा, यह आंदोलन बरकरार रहेगा। किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि हम आम आदमी को किसी भी तरह परेशान करने के पक्षधर नहीं हैं, लेकिन अपने अस्तित्व को बचाने के लिए आंदोलन करना हमारा राजनीतिक और मौलिक दायित्व है। हम किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं। यही वजह है कि आवागमन के लिए अभी कुछ रास्तों को छोड़ा गया है। अगर सरकार ने जल्दी ही हमारी बात नहीं सुनी तो मजबूर होकर हमें बाकी रास्तों पर भी अवरोध खड़े करने होंगे। जिससे आम आदमी की परेशानी बढ़ सकती है। जिसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। दूसरी और आपको बता दें कि किसानों से बातचीत करने के लिए आज पांचवी बार केंद्र सरकार के मंत्री मुलाकात करेंगे। देखना यही है कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच बातचीत का कोई नतीजा निकलता है या नहीं।

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