Noida : सुपरटेक केपटाउन के निवासियों का बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन, एओए ने निवासियों को दिया समर्थन

नोएडा | 4 साल पहले | Harish Rai

Tricity Today | Residents of Supertech Cape Town society protest against builder



रविवार को नोएडा के सेक्टर-74 की केपटाउन हाउसिंग सोसाइटी में निवासियों में विरोध जाहिर किया। यह विरोध मेन्टिनेंस एजेन्सी सुपरटेक एस्टेट और बिल्डर सुपरटेक लिमिटेड के खिलाफ किया गया है। निवासियों का आरोप है कि सोसायटी में निम्न स्तर की सेवाएं दी जा रही हैं। इसके खिलाफ निवासियों का रोष फूट पड़ा। निवासियों ने सुपरटेक के नार्थ आई स्थित मार्केटिंग ऑफिस जाकर निदेशक अनिल शर्मा और सुपरटेक एस्टेट के नितीश अरोरा के सामने जमकर नारेबाजी की है।

 
सोसायटी के निवासियों ने बताया कि बिल्डर ने सिर्फ 535 पानी के कनेक्शन लिए हैं। जबकि यहां पर 4,000 से अधिक परिवार रह रहे हैं। इस वजह से सोसाइटी में गंगाजल की जगह भूजल दोहन किया जा रहा है। इससे पानी की गुणवत्ता खराब है और पानी की निरंतर कमी भी बनी रहती है। साथ ही निवासी विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रस्त हो रहे हैं। केपटाउन अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (एओए) के अध्यक्ष अरुण शर्मा ने बताया, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में नोएडा विकास प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु माहेश्वरी ने केपटाउन सोसाइटी का फैसिलिटी मैनेजमेंट 01 सितम्बर 2020 से एओए को हस्तांतरित करने का स्पष्ट आदेश दिया था। इसके बावजूद बिल्डर मुख्य कार्यपालक अधिकारी के आदेश का अनुपालन नहीं कर रहा है। दूसरी ओर बिल्डर अति निम्न स्तर की मेन्टिनेंस सुविधाएं दे रहा है। जिससे निवासियों में रोष है।

अरुण शर्मा ने कहा, "केपटाउन सोसाइटी का पूरा साझा क्षेत्र मार्च 2020 से कोरोना संक्रमण के मामलों के कारण लगातार कन्टेन्मेंट जोन बना हुआ है। इससे लोग पहले से ही भीषण मानसिक दबाव से गुजर रहे हैं। ऊपर से बिल्डर न तो शुद्द पानी की आपूर्ति कर रहा है और न पर्याप्त बिजली आपूर्ति के लिए कनेक्शन लिया है। ओपन पार्किंग अवैध रूप से बेच रहा है। आये दिन फ्लैट और टॉवर में पलास्टर गिरता रहता है। लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं। केपटाउन की एओए बिल्डर द्वारा किये जा रहे शोषण के खिलाफ निवासियों के रोष का समर्थन करती है। सभी राजनीतिक संगठन, जन प्रतिनिधि और नोएडा अथॉरिटी के वरिष्ठ अधिकारियों से आग्रह करती है कि इस बिल्डर और उसकी एजेंसी से हम सभी को निजात दिलाएं।" जिससे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन हो सके। 

लंबे समय से चल रहा है एओए और बिल्डर का विवाद

सुपरटेक केपटाउन हाउसिंग सोसायटी की अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन और सुपरटेक बिल्डर के बीच लंबे अरसे से विवाद चल रहा है। यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। पिछले दिनों नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के पक्ष में फैसला सुनाया था। जिसे बिल्डर ने चुनौती दी है। साथ ही सोसाइटी में एक अन्य तीसरा पक्ष भी खड़ा हो गया है।

इस बारे में एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण शर्मा का कहना है कि बिल्डर हर महीने हम लोगों की जेब से निकालकर करोड़ों रुपए ले जा रहा है। वह येन, केन, प्रकारेण हाउसिंग सोसाइटी में बने रहना चाहता है। उसने कुछ लोगों को अपना एजेंट बना लिया है। उनके जरिए फर्जी विरोध दिखाकर एसोसिएशन को शून्य रखना चाहता है। दरअसल, सोसायटी के कुछ लोग बिल्डर से मिलीभगत करके इस लूट में शामिल हो गए हैं। दूसरी ओर बिल्डर का कहना है कि वह सोसाइटी का कामकाज अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन को सौंपना चाहता है। लेकिन एसोसिएशन में कई फाड़ हैं। ऐसे में कानूनी रूप से मेंटेनेंस की जिम्मेदारी किसे दी जाए, यह तय कर पाना बहुत मुश्किल है।

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