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गौतम बुद्ध नगर में लगातार फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण पर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक गौतम बुध नगर में अब तक पाए गए मरीजों में से 80 फ़ीसदी बिसरख ब्लॉक के हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा संख्या ऑफिस जाने वाले लोगों की है। यह सारे लोग बिसरख ब्लॉक में पड़ने वाली हाई राइज हाउसिंग सोसायटी और शहरी क्षेत्र में शामिल हो चुके हैं गांव में रहते हैं।
राज्य सरकार के वेब पोर्टल से डाटा एकत्र करके उसका विश्लेषण किया गया है। शनिवार की सुबह तक के 4024 कोविड-19 केस इस अध्ययन में शामिल किए गए हैं। इनमें से 3119 केस बिसरख ब्लॉक से हैं। दनकौर ब्लॉक से केवल 358, दादरी ब्लॉक से 271 और जेवर ब्लॉक से 129 केस दर्ज किए गए हैं। अब तक 150 ऐसे मरीज हैं, जिनके पते गलत दर्ज किए गए हैं। जिन्हें ट्रेस करना जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए मुश्किल हो गया है।
बिसरख ब्लॉक का अधिकांश हिस्सा नोएडा अथॉरिटी के दायरे में आता है। छह गांव में से हैं, जिनका क्षेत्र जिला प्रशासन देख रहा है। बड़ी बात यह है कि बिसरख के मुकाबले ग्रामीण इलाके की बहुलता वाले ब्लॉक में कोविड-19 के कम मामले बहुत कम आए हैं। अगर प्रतिशत के आधार पर आंकड़ों का विश्लेषण किया जाए तो जिले के कुल मामलों में 3% जेवर ब्लॉक में हैं। जबकि दनकौर ब्लॉक में 9% और दादरी ब्लॉक में 7% मामले हैं। इन दोनों ब्लॉक में ग्रेटर नोएडा का शहरी इलाका भी पड़ता है।
गौतम बुध नगर जिला प्रशासन के पास 3 फ़ीसदी मरीजों का सही पता उपलब्ध नहीं है। बाकी बचे 78% मरीज बिसरख ब्लॉक के हैं। अधिकारियों का कहना है कि बिसरख ब्लॉक के इलाके में जनसंख्या की सघनता इसका सबसे बड़ा कारण है। नोएडा शहर और इसके चारों ओर स्लम बस्तियां और शहरी इलाके में शामिल हो चुके गांव हैं। जिनमें जनसंख्या का घनत्व दनकौर, दादरी और जेवर के मुकाबले बहुत ज्यादा है।
गौतम बुध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई का कहना है, "वायरस शहरी क्षेत्रों में और उसके इर्द-गिर्द ज्यादा सक्रिय है। यह ट्रेंड केवल हमारे जिले में ही नहीं है, सभी जगह देखने के लिए मिला है। बिसरख ब्लॉक में पूरा नोएडा शहर आता है। जिसका जनसंख्या घनत्व बहुत ज्यादा है। यही वजह है कि बिसरख ब्लॉक में जिले के बाकी हिस्सों के मुकाबले बहुत ज्यादा संक्रमण के मामले रिपोर्ट किए गए हैं।"
बिसरख ब्लॉक की सीमाएं दिल्ली और गाजियाबाद से भी सटी हुई हैं। इन दोनों शहरों में भी संक्रमण बहुत ज्यादा है। इस वजह से भी बिसरख ब्लॉक में संक्रमण के मामले बढ़े हैं।
अगर कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों का वर्गीकरण उम्र के आधार पर किया जाए तो करीब 2000 मरीज ऐसे हैं, जिनकी उम्र 21 से 40 वर्ष है। यह संख्या कुल मरीजों की लगभग 50 फ़ीसदी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह आंकड़ा कोई चौंकाने वाला नहीं है। दरअसल, लॉकडाउन खत्म होने के बाद इस आयु वर्ग के युवा दफ्तरों और उद्योगों में कामकाज की वजह से घर से बाहर निकले हैं। जिले में अब तक संक्रमण की चपेट में आने वालों में 113 बच्चे हैं। जिनकी उम्र 10 साल से कम है। 226 मरीज 11-20 साल की उम्र के हैं। 2052 रोगी 21-40 साल के हैं। 1203 मरीजों की उम्र 41-60 साल है। 396 मरीजों की उम्र 60 साल से ज्यादा है।
यह आयु के आधार पर किया गया वर्गीकरण दर्शाता है कि 80% संक्रमित लोगों की उम्र 21 से 60 वर्ष है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अनलॉक वन से लेकर अब तक मध्यम उम्र के लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी के साथ बढ़ा है। जैसे ही कार्यालय खुले हैं और लोगों ने घर और दफ्तर के बीच आना-जाना शुरु किया है, तो संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ गया है। संक्रमण की चपेट में आने वाले ज्यादातर लोग पेशेवर हैं। इसीलिए हम लगातार लोगों से कह रहे हैं कि जब वह घर से बाहर निकलते हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन के पूरे मानकों का ख्याल रखें।
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