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शिक्षा से वंचित बच्चों को स्कूल पहुंचाने की जिम्मेदारी अब ग्राम प्रधान भी लेंगे। शारदा अभियान के तहत इस बार ग्राम प्रधानों को भी यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। अभी तक शिक्षक ही बच्चों को ढूंढ कर उनका दाखिला स्कूल में कराते हैं। ग्राम प्रधानों के सहयोग मिलने से बेसिक शिक्षा विभाग को उम्मीद है कि इससे स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ेगी। साथ ही शिक्षा से वंचित सभी बच्चों को पढ़ने का अवसर भी मिलेगा।
जनपद गौतम बुध नगर में 600 से अधिक प्राथमिक और जूनियर हाई स्कूल संचालित है। जिसमें 84 हजार से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। वर्ष 2020-21 में सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से स्कूल हर दिन आए बच्चे शारदा अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत 6 साल से 14 साल तक के बच्चों को आउट ऑफ स्कूल के तहत चिन्हीकरण, पंजीकरण और नामांकन का कार्य शिक्षक शिक्षिकाएं करेंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए शिक्षा निदेशक ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को एक पत्र जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि जनपद की सभी ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों को भी इस अभियान में शामिल किया जाए और उनका सहयोग लिया जाए। इस पत्र के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने ग्राम प्रधानों से संपर्क साधने का काम शुरू कर दिया है।
प्रधान को गांव की स्थिति का होता है महत्वपूर्ण ज्ञान बेसिक शिक्षा विभाग कि इस योजना का बहुत बड़ा फायदा होगा। क्योंकि ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधान पंचायत प्रतिनिधि होते हैं। पुणे ग्राम पंचायत की सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक स्थिति की भी जानकारी होती है। उन्हें यह भी पता होता है कि किसी व्यक्ति के बच्चे की आयु 6 साल से 14 वर्ष के बीच है। साथ ही गांव में कितने बच्चे शिक्षा से वंचित हैं।
इसी सत्र से शुरू होगी यह योजना
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्कूल हर दिन आए बच्चे शारदा अभियान इसी सत्र से शुरू किया जाएगा। इस योजना के शुरू होने से परिषदीय विद्यालयों में भी शत-प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति दर्ज होगी।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी धीरेंद्र कुमार ने बताया कि शिक्षा निदेशक का पत्र मिलने के बाद ग्राम प्रधानों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। इस योजना के शुरू होने से स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ेगी।