BIG NEWS: गौतमबुद्ध नगर में कंटेनमेंट जोन की संख्या रिकार्ड तोड़ 236 हुई, हर जोन में मजिस्ट्रेट नियुक्त, देखिए पूरी लिस्ट

नोएडा | 4 साल पहले | Anika Gupta

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो



गौतमबुद्ध नगर में पिछले 10 दिनों के दौरान बड़ी संख्या में संक्रमण के मामले सामने आए हैं। जिसके चलते अब जिले में रिकॉर्ड तोड़ 236 कंटेनमेंट जोन बन गए हैं। सोमवार को गौतमबुद्ध नगर के अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) दिवाकर सिंह ने कंटेनमेंट जोन की नई लिस्ट जारी की है। कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए एक-एक मजिस्ट्रेट भी नियुक्त किया गया है।

गौतमबुद्ध नगर के अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) दिवाकर सिंह ने बताया कि अब जिले में कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़कर 236 हो गई है। नए कंटेनमेंट जोन मौजूदा गाइडलाइंस के मुताबिक बनाए गए हैं। अब किसी भी हाउसिंग सोसायटी को फील नहीं किया जा रहा है। सोसायटी के केवल उन्हीं टावर को सील किया जा रहा है, जिनमें संक्रमित लोग निवास कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मोहल्लों को सील किया जा रहा है। अगर किसी गांव में एक संक्रमित मरीज पाया जाता है तो वहां मोहल्ला सील किया जाता है। लेकिन एक से अधिक मरीज पाए जाने पर पूरे गांव को सील किया जा रहा है। सीलिंग पीरियड 2 सप्ताह का रहेगा।

एडीएम ने बताया कि इस दौरान सील इलाके से किसी भी व्यक्ति को आवागमन की इजाजत नहीं दी जाएगी। लोगों को सभी आवश्यक सुविधाएं डोर स्टेप डिलीवरी के माध्यम से मुहैया करवाई जाएंगी। अपर जिला अधिकारी ने बताया कि सीलिंग वाले इलाकों में रहने वाले परिवारों को सभी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए वेंडर नियुक्त किए गए हैं। प्रत्येक कंटेनमेंट जोन के लिए एक अलग मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है।

एडीएम ने कहा, इन मजिस्ट्रेट के मोबाइल नंबर जोन की लिस्ट में लिखे गए हैं। अगर वहां के लोगों को किसी भी तरह की परेशानी होती है तो वह अपने कंटेनमेंट जोन के मजिस्ट्रेट से फोन पर बात कर सकते हैं। अपर जिलाधिकारी ने बताया कि इन सभी कंटेनमेंट जोन में स्वास्थ्य विभाग कांटेक्ट ट्रेसिंग करेगा। सैनिटाइजेशन ड्राइव चलाएगा। लोगों को नियमित करने के लिए स्थानीय पुलिस ध्यान रखेगी।

गौतमबुद्ध नगर में जून के महीने में लगातार बड़ी संख्या में संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं। अब तक जिले में मरीजों की संख्या बढ़कर 1008 तक पहुंच चुकी है। हालांकि इनमें 69 मरीज क्रॉस नोटिफाइड शामिल हैं। मतलब, इन मरीजों का उपचार गौतमबुद्ध नगर में किया जा रहा है लेकिन यह लोग दूसरे राज्यों और जिलों के निवासी हैं। कुल मिलाकर संक्रमण का खतरा लगातार जिले में बढ़ता ही जा रहा है। जिसके चलते सरकार, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग परेशान हैं।

यहां पीडीएफ फ़ाइल में देखिए पूरी लिस्ट, फ़ाइल का साइज बड़ा होने के कारण थोड़ा समय लग सकता है।

अन्य खबरें