नोएडा में डिजिटल अरेस्ट : साइबर ठगों ने की 65 लाख की ठगी, 50 घंटे से अधिक समय तक पीड़ित को डराया

नोएडा | 2 घंटा पहले | Sachin Ahlawat

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो



Noida News : नोएडा सहित एनसीआर में साइबर अपराध लगातार बढ़ता जा रहा है। पुलिस भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, मगर फिर भी आए दिन ठगी और डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में नोएडा के एक्सप्रेस थाना क्षेत्र स्थित जेपी विश टाउन सोसाइटी में रहने वाले चंद गांधी को डिजिटल अरेस्ट का सामाना लगभग 50 घंटों से अधिक तक करना पड़ा। इस दौरान आरोपियों ने उन्हे डरा-धमकाकर 65 लाख रुपये की ठगी कर ली। इस मामले में अब पीड़ित ने सोमवार को साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई है। जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। 

पुलिस अधिकारी बनकर की 45 मिनट तक पूछताछ 
जानकारी के अनुसार जेपी विश टाउन सोसायटी निवासी चंद गांधी ने पुलिस को शिकायत करते हुए बताया कि कुछ माह पहले उनके पास एक फोन आया था। जिसमें ठग ने खुद को कोरियरकर्मी बताते हुए कहा कि उनके नाम से भेजे गए एक पार्सल में प्रतिबंधित ड्रग्स और अन्य सामग्री है। उन्होंने यह भी कहा कि इसमें उनके दस्तावेज का दुरुपयोग किया गया है। इसके बाद ठग ने गांधी को मुंबई साइबर सेल के अधिकारियों से जोड़ने की बात कही। ठग ने उन्हें वीडियो कॉल पर पुलिस अधिकारी बनकर 45 मिनट तक पूछताछ की और फिर अगले 50 घंटो से अधिक समय तक उन्हें डराकर उनकी गतिविधियों पर नजर रखी।

मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करने की कही बात
ठगों ने पीड़ित से कहा कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया जाएगा और आरबीआई से धनराशि की जांच कराई जाएगी। इस डर से चंद गांधी से उनकी बैंक जानकारी हासिल की गई। ठगों ने उन्हें गिरफ्तारी का डर दिखाते हुए उनके पास से पूरी जानकारी हासिल की। इस दौरान डर के कारण पीडित को अस्थमा का दौरा पड़ गया, मगर ठगों ने उनसे फिर भी पूछताछ जारी रखी। इसके बाद चंद गांधी ने अपनी एफडी को तोड़कर 40 लाख और 25 लाख रुपये ठगों के बताए गए खातों में डाल दिए।

पुलिस ने शुरू की मामले की जांच
आखिरकार जब चंद गांधी को यह एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो चुके हैं, तो उन्होंने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। एडीसीपी साइबर सेल के अधिकारियों के अनुसार मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। इस ठगी की घटना ने एक बार फिर साइबर ठगों द्वारा अपनाए गए जालसाजी के तरीकों को उजागर किया है, जो पीड़ित को मानसिक रूप से तोड़कर उनकी संपत्ति का नुकसान करते हैं। 

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