Tricity Today | सुप्रिया श्रीनेत किसान आंदोलन की रिपोर्टिंग करने सड़क पर उतरीं
Noida News : गौतमबुद्ध नगर के किसानों ने आज अपनी मांगों को लेकर पूरे दिन जमकर प्रदर्शन किया। हालांकि शाम होते-होते किसान और अफसरों के बीच समझौता हो गया है। वहीं किसानों ने अफसरों को 7 दिन का समय और दिया है। किसानों का कहना है कि प्रदर्शन अभी भी जारी है उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वह दिल्ली जरूर जाएंगे। ऐसे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सभी लोग गौतमबुद्ध नगर के किसानों को सपोर्ट करते दिखे। इसी बीच कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Srinet) किसान आंदोलन की रिपोर्टिंग करने के लिए सड़क पर उतर गयी। नोएडा गेट पर खड़े होकर उन्होंने प्रदर्शन की रिपोर्टिंग की और उसकी एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट की है। जिसमें उन्होंने कहा है कि "भाजपा की सरकार नोएडा के किसानों को कुचल रही है।"
भाजपा सरकार को साधा निशाना, पीएम मोदी पर लगाए आरोप
सुप्रिया श्रीनेत कह रही है "मैं इस वक्त दिल्ली और नोएडा के बॉर्डर में हूं यह इलाका मयूर विहार का है मेरे पीछे जो बैरिकेडिंग लगी हुई है वह दंगाइयों को रोकने के लिए नहीं बल्कि देश के अन्न दाताओं को रोकने के लिए है। यह इसलिए लगाई गई है कि कहीं गौतमबुद्ध नगर के किसान राजधानी दिल्ली में पहुंच जाए। किसान शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। जब उनकी बात नहीं सुनी गई तो उन्होंने दिल्ली आने का मन बनाया। लेकिन जैसे ही वह यहां पहुंचे तो अमित शाह की पुलिस लग गई है कि एक भी किसान दिल्ली में एंटर न कर जाए। जब भी किसान आना चाहता है उसे रोक लिया जाता है। बैरिकेडिंग लगाते हैं कील बिछाते हैं आखिर भाजपा किसानों से क्यों डरती है। किसानों की जबरन जमीन हड़पी जा रही है किसान सिर्फ अपना हक मांग रहा है। बजाए उनके साथ बैठकर समाधान निकालने के यह सरकार बार-बार उनको परेशान कर रही है। 4 साल पहले उन्हीं किसानों में से 750 किसानों के साथ हुई थी लेकिन फिर भी नरेंद्र मोदी नहीं रुके।" वह आगे कह रही है कि भाजपा सरकार किसानों की रत्ती भर इज्जत नहीं करती है। क्या किसान दिल्ली नहीं आ सकता है सरकार उन्हें क्यों रोक रही है? जिस तरह पुलिस किसानों के साथ व्यवहार कर रही है इससे साफ पता चलता है कि नरेंद्र मोदी किसानों की जरा सी भी इज्जत नहीं करते हैं।
पुलिस बंदोबस्त: 5 हजार जवान तैनात
चिल्ला बॉर्डर पर एक विशाल पुलिस बल तैनात किया गया है। इसमें 3,000 नोएडा पुलिस और 2,000 दिल्ली पुलिस के जवान शामिल हैं। पुलिस ने बैरिकेड लगाकर किसानों की दिल्ली कूच को रोकने का हर संभव प्रयास किया, लेकिन किसानों ने इन सबको चुनौती दी। इस आंदोलन के कारण शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई है। बार्डर पर वाहन रेंग-रेंग कर आगे बढ़ रहे हैं। क्या हैं किसानों की मांगें?
गोरखपुर में बन रहे हाईवे के लिए 4 गुना मुआवजा दिया गया। जबकि गौतमबुद्ध नगर को चार गुना मुआवजे के लाभ से वंचित रखा गया है। इसके अलावा 10 साल से सर्किल रेट भी नहीं बढ़ा है। नए कानून के लाभ जिले में लागू करने पड़ेंगे। किसानों की प्रमुख मांगों में 10 फीसदी विकसित भूखंड, हाई पावर कमेटी की सिफारिशों और नए भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ दिया जाना शामिल है। ये सारे निर्णय शासन स्तर पर लिए जाने हैं।