Tricity Today | नरेंद्र भूषण, सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास कितनी जमीन है, कितनी का आंवटन हो चुका है और कितनी बची है, इसका ब्योरा पर एक क्लिक पर मिल जाएगा। हर मकान-फ्लैट की जानकारी भी मिल सकेगी। इसके लिए प्राधिकरण एक एजेंसी के जरिये लैंड ऑडिट करा रहा है। इससे उस जमीन का भी पता चल सकेगा, जिस पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। पूरा डॉटा तैयार होने के बाद इसे प्राधिकरण अपनी वेबसाइट पर भी डालेगा ताकि आम जन इसे देख सकें।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जमीन अधिग्रहण करके अपनी योजना लाता है। प्राधिकरण के पास अपनी जमीन को लेकर कोई व्यवस्थित डाटा नहीं है। अब इसके लिए एक एजेंसी को नियुक्त किया है। इस एजेंसी ने लैंड ऑडिट करना शुरू कर दिया है। प्राधिकरण ने अब तक कितनी जमीन का अधिग्रहण किया है। कितनी जमीन आवंटित कर दी गई है। बची हुई जमीन कहां-कहां पर है। एजेंसी इसका ब्योरा तैयार कर रही है। ब्योरा तैयार होते ही इसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा ताकि लोगों को भी इसकी जानकारी मिल सके।
कब्जाग्रस्त सरकारी जमीन का चलेगा पता
प्राधिकरण की बहुत सारी जमीन पर कब्जा हो गया है। लेकिन इसका कोई डाटा नहीं है। आबादी के आसपास यह समस्या अधिक है। लैंड ऑडिट में इसका पता चल सकेगा। इसको कब्जा मुक्त कराया जाएगा। इस कवायद के बाद प्राधिकरण के पास करोड़ों रुपये की जमीन आ जाएगी।
हर मकान-फ्लैट का होगा रिकार्ड
लैंड ऑडिट में इस तरह का इंतजाम किया जा रहा है कि हर मकान का रिकार्ड ऑनलाइन मिल सकेगा। बिल्डर सोसाइटी का भी रिकार्ड रहेगा। इसमें हर उस संपत्ति का डाटा मिलेगा, जिसकी लीज डीड हुई होगी। इसमें ना केवल मकान-फ्लैट नंबर दिखेगा बल्कि उस जमीन का पुराना खसरा नंबर भी दिखेगा। वेबसाइट पर अपलोड होने के बाद घर बैठे आप अपने घर की सारी जानकारी ले सकेंगे।
इन रंगों से होगी पहचान
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वेबसाइट पर जब पूरी डाटा अपलोड हो जाएगा तो वह अलग-अलग रंगों में दिखेगा। अगर कोई भूखंड हरा रंग में दिख रह है तो उसका मतलब वह खाली पड़ा है। इसी तरह आवंटित भूखंड पीले रंग का होगा। अगर कोई सिलेटी रंग का भूखंड है तो उसका मतलब उसका कोई स्टेटस नहीं है। बैंगनी रंग वाला निर्माणाधीन, गुलाबी रंग वाला कोर्ट केस और लाल रंग वाला भूखंड अतिक्रमण वाला होगा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की जमीन का ऑडिट कराया जा रहा है। इसमें यह पता चल सकेगा कि प्राधिकरण की जमीन कहां-कहां है। यह काम जल्द पूरा होने की उम्मीद है।
-नरेंद्र भूषण, सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण