Tricity Today | प्रकाश जावड़ेकर
आउटब्रेक को नियंत्रित करने के लिए देशभर में लॉकडाउन जारी है। इस लॉकडाउन में लोगों को अनिवार्य रूप से घरों में रहने की हिदायत दी जा रही है। बहुत ज़रूरी ना होने पर उन्हें घरों से नहीं निकलने देने के लिए कहा जा रहा है। इन्हीं प्रयासों के तहत सरकार ने अस्सी के दशक के कुछ ऐसे शोज़ को दोबारा प्रसारित करने का फ़ैसला किया है, जिन्होंने आबादी के बड़े हिस्से को प्रभावित किया था। ये शोज़ जिन चैनलों पर आएंगे, उनका प्रसारण भी अनिवार्य कर दिया है।
दरअसल, यह सुझाव सोशल मीडिया से उठा था कि लॉकडाउन के इस पीरियड में सरकार को रामायण जैसे शोज़ को दोबारा से प्रसारित करने चाहिए। इन्हीं सुझावों पर अमल करते हुए भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने रामायण के प्रसारण का एलान किया। इसके बाद सोशल मीडिया के ज़रिए महाभारत के भी प्रसारण की मांग की गयी तो इसे भी दोबारा प्रसारित करने का फ़ैसला किया गया।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट करके लगातार इन फ़ैसलों की जानकारी दी थी। दोनों शोज़ आज से शुरू हो रहे हैं। जावड़ेकर ने सुबह ट्वीट करके इसकी याद भी दिलायी। 'रामायण' डीडी नेशनल पर सुबह 9 बजे और रात 9 बजे प्रसारित किया जा रहा है, वहीं महाभारत का प्रसारण डीडी भारती पर दोपहर 12 बजे और शाम 7 बजे से हो रहा है।
इन दो एपिक धारावाहिकों के प्रसारण के मद्देनज़र मंत्रालय ने डीडी नेशनल और डीडी भारती के प्रसारण को अनिवार्य कर दिया है। जावड़ेकर ने ट्वीट करके इस बात की जानकारी देते हुए लिखा- सभी केबल ऑपरेटरों के लिए डीडी के दोनों चैनल दिखाना अनिवार्य है। अगर आपके इलाक़े में चैनल नहीं आ रहे हैं, तो अपने केबल ऑपरेटर के पास शिकायत दर्ज़ करवाएं।
रामायण और महाभारत के अलावा उस दौर के दो और शोज़ को दबोरा प्रसारित करने का फ़ैसला किया है। एक है बॉलीवुड सुपरस्टार शाह रुख़ ख़ान का टीवी शो सर्कस। 1989 की यह टीवी सीरीज़ काफ़ी लोकप्रिय रही और शाह रुख़ को मशहूर बनाने में इसका बहुत बड़ा योगदान है। सर्कस का प्रसारण डीडी नेशनल पर रात 8 बजे किया जाएगा।
दूसरा कल्ट शो है रजित कपूर का ब्योमकेश बख्शी, जिसका प्रसारण डीडी नेशनल पर सुबह 11 बजे किया जाएगा। इस जासूसी सीरीज़ का प्रसारण सबसे पहले दूरदर्शन पर 1993-1997 तक किया गया था।
लॉकडाउन में इन चारों शोज़ का शुरू होना उन लोगों के लिए काफ़ी नॉस्टैलजिक रहेगा, जो 40 के पड़ाव को पार कर चुके हैं, क्योंकि ये शोज़ उनके बचपन की सुनहरी यादें हैं। हालांकि डिजिटल इंडिया के दौर में पहले जैसे दर्शक जुटाना आसान नहीं होगा, क्योंकि ये सारे शोज़ ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं।