आडवाणी, जोशी, कल्याण और उमा भारती के बिना होगा राम मंदिर का भूमि पूजन

देश | 4 साल पहले | Rakesh Tyagi

Tricity Today | लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और कल्याण सिंह



राम जन्मभूमि आंदोलन में 4 बड़े चेहरे 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन के वक्त दिखाई नहीं देंगे। श्रीराम जन्म भूमि मंदिर का भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस कार्यक्रम के लिए भारतीय जनता पार्टी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को न्योता नहीं भेजा गया है। इसके लिए कोरोना वायरस के कारण फैली वैश्विक महामारी को जिम्मेदार बताया जा रहा है। राम जन्मभूमि न्यास के पदाधिकारियों का कहना है कि वयोवृद्ध नेताओं को संक्रमण के खतरे के कारण निमंत्रित नहीं किया गया है।

वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते अयोध्या में पांच अगस्त को होने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन और शिलान्यास कार्यक्रम में मंदिर आंदोलन से जुड़े कई बड़े चेहरे नजर नहीं आएंगे। इस कार्यक्रम के लिए पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री डा. मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अब यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने भी ऐतिहासिक कार्यक्रम में भाग नहीं लेने का फैसला किया है।       

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने स्वीकार ने कहा, कोरोना वायरस की वजह से कई बुजुर्ग नेताओं को भूमि पूजन कार्यक्रम में वर्चुअली भाग लेने को कहा गया है। उन्होंने कहा ‘‘हम खेद व्यक्त करते हैं कि हम उन्हें आमंत्रित नहीं कर सके हैं। लाल कृष्ण आडवाणी की आयु 90 वर्ष से अधिक है। वह कैसे आ सकते हैं? कई अन्य महान हस्तियों की भी आयु को देखते हुये नहीं बुलाया गया है।'' उन्होंने खुलासा किया कि कार्यक्रम में 175 मेहमान भाग लेंगे।

चंपत राय ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत, सह कार्यवाह भैयाजी जोशी समेत अन्य मेहमान मंगलवार की रात तक अयोध्या पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा ‘‘हमने संतो को आमंत्रण दिया है, लेकिन उनकी जाति के अनुसार नहीं बुलाया गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इनमें से कुछ खुद को दलित कहते हैं। कुल 133 हिन्दू संतों को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रण भेजा गया है। नेपाल से जानकी मंदिर के संत को भी भूमि पूजन का न्योता भेजा गया है।

चंपत राय ने बताया कि आमंत्रित अतिथियों में मोहम्मद शरीफ और श्रीराम जन्मभूमि विवाद में बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे इकबाल अंसारी भी शामिल हैं। बता दें कि शरीफ वह शख्सियत हैं, जो लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते हैं। इसके अलावा विहिप के दिवंगत नेता अशोक सिंहल के भतीजे सलिल सिंहल को भी कार्यक्रम में बुलाया गया है।

दूसरी ओर लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और कल्याण सिंह को दरकिनार करने के मुद्दे पर नाखुशी भी खुलकर सामने आने लगी है। सोमवार को उमा भारती ने पत्रकारों से अयोध्या में बातचीत की। उन्होंने बड़े तीखे अंदाज में कहा कि भगवान राम भारतीय जनता पार्टी की बपौती नहीं हैं। भगवान राम जन-जन के हैं। हर भारतीय के हैं। उमा भारती ने यह भी कहा कि वह भूमि पूजन के वक्त अयोध्या में ही रहेंगी, किंतु कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगी। दूसरी ओर मंगलवार की सुबह पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने भी कार्यक्रम में उपस्थित होने से इनकार कर दिया है। दरअसल, जानकारी मिली है कि इन सभी नेताओं को राम जन्मभूमि न्यास की ओर से निमंत्रण नहीं भेजा गया है।

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