Tricity Today | Pari Chowk
शहर के यातायात को व्यवस्थित करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने काम शुरू कर दिया है। प्राधिकरण यातायात को व्यवस्थित करने का राइट‘स एजेंसी को दिया है। जाम और बेहतर यातायात प्रबंधन के लिए जरूरत पड़ी तो गोल चक्करों के डिजाइन में बदलाव किया जाएगा। साथ ही गौड़ चौक और परी चौक के जाम को खत्म करने के लिए विशेष योजना बनेगी। एजेंसी ने गौड़ चौक पर अंडरपास बनाने का सुझाव दिया है। एजेंसी की रिपोर्ट के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण उस पर काम शुरू कर देगा।
ग्रेटर नोएडा में अभी जाम की आंशिक समस्या है। परी चौक और गौड़ चौक में सुबह-शाम जाम लग जाता है। साथ ही शहर में दिनोंदिन वाहन बढ़ेंगे तो यातायात प्रबंधन और बिगड़ेगा। इसके लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने राइट‘स लिमिटेड को अपना कंसलटेंट नियुक्त किया है। भारत सरकार की इस एजेंसी ने काम शुरू कर दिया है। एजेंसी ने सबसे पहले परी चौक और गौड़ चौक की समस्या के समाधान के लिए काम किया है। संस्था ने गौड़ चौक पर (60 मीटर रोड पर) अंडरपास बनाने का सुझाव दिया है। इसकी जल्द रिपोर्ट सौंप देगा। इससे यहां पर की समस्या का समाधान हो जाएगा। अब प्राधिकरण इस पर काम शुरू करेगा।
इन जगहों पर रहती है दिक्कत
ग्रेटर नोएडा में तिलपता, घंटा चौक, पी-3 गोल चक्कर, विश्व भारती स्कूल के पास टी प्वाइंट समेत तमाम जगहों पर यातायात का दबाव रहता है। विश्व भारती स्कूल के पास टी प्वाइंट तो बहुत ही खतरनाक है। यहां पर अक्सर हादसे हो जाते हैं। राइट‘स लिमिटेड ऐसी जगहों पर यातायात को नियंत्रित करेगा। जरूरत पड़ी तो इनके डिजाइन में भी तब्दीली की जाएगी।
20 वर्षों को ध्यान में रखकर बनेगी योजना
कंसलटेंट सड़क, मेट्रो और यातायात प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर अपनी रिपोर्ट देगा। आगामी 20 वर्षों को ध्यान में रखकर योजना बनाई जा रही है ताकि लोगों को आगे भी परेशानी ना उठानी पड़े। सुगह यातायात के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण काम कर रहा है।
शहर में एफओबी भी बनेंगे
पैदल यात्रियों की सुगमता के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण फुटओवर ब्रिज (एफओबी) बनाए जाएंगे। प्राधिकरण ने गौड़ चौक, कलेक्ट्रेट के सामने, कैलाश अस्पताल के सामने, कासना में पेंट फैक्ट्री के सामने समेत छह जगहों पर एफओबी बनाने की योजना बनाई है। इनकी टेंडर प्रक्रिया चल रही है। ये एफओबी बीओटी (बिल्ड ऑपरेट एंड ट्रांसफर) आधार पर बनवाया जाएगा। इसमें प्राधिकरण को पैसा भी नहीं खर्च करना पड़ेगा। एजेंसी इसे अपने पैसे से बनाएगी। लागत निकालने के लिए उसे एफओबी में विज्ञापन लगाने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए समय तय किया जाएगा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने कहा, ग्रेटर नोएडा के यातायात को दुरुस्त करने के लिए राइट‘स को कंसलटेंट नियुक्त किया गया है। सड़क, मेट्रो आदि के बारे में वह रिपोर्ट देगा। रिपोर्ट के बाद उस पर काम शुरू किया जाएगा।