Tricity Today | सतीश महाना
गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नोएडा महानगर अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है। बुधवार को उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना नोएडा और ग्रेटर नोएडा के दौरे पर आए थे। इस दौरान मनोज गुप्ता अन्य भाजपा नेताओं के साथ उनसे मिले और पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम को फेल करार देते हुए खत्म करने की मांग की। इस पर सतीश महाना ने उनसे लिखित में बात कहने के लिए कहा था।
इस मामले में गुरुवार को भाजपा महानगर अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने बताया था कि उन्होंने पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम को लेकर औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना से बातचीत की है। मैंने कमिश्नर सिस्टम को खत्म करने की उनसे बात कही है। वह गौतम बुध नगर में इस व्यवस्था की समीक्षा करने आए थे। उन्होंने मामले में संज्ञान लेने का आश्वासन दिया है।
इस पर औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा, " मनोज गुप्ता और उनके साथ अन्य भाजपा पदाधिकारी मुझसे मुलाकात करने आए थे। उन्होंने पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम पर आपत्ति जाहिर की। मैंने उनसे कहा कि आप अपनी बात लिख कर दे दीजिए। मैं उचित फोरम पर रख सकता हूं। उन्होंने मुझे लिखित में कुछ नहीं दिया। लिहाजा, बात वहीं खत्म हो गई थी।"
सतीश महाना ने आगे कहा, "पुलिस कमिश्नर सिस्टम की समीक्षा मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर है। मैं न तो गृह मामले देखता हूं और ना ही गौतम बुध नगर का प्रभारी मंत्री हूं। मैं अपने विभाग की समीक्षा करने के लिए गौतम बुध नगर गया था। मैंने नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक की। विकास कार्यों का जायजा लिया। नोएडा में कुछ विचार विकास कार्यों की शुरुआत होनी थी। मेरे एजेंडे में पुलिस कमिश्नरेट से जुड़ा कुछ भी शामिल नहीं था।"
उद्योग विकास मंत्री ने कहा, "पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम एक बड़ी सोच है। यह उच्च स्तरीय मामला है। इसे आगे बढ़ाने, समीक्षा करने या खत्म करने का अधिकार हम लोगों के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। अगर हमारी पार्टी के किसी पदाधिकारी या कार्यकर्ता को किसी अधिकारी विशेष से कोई समस्या है तो वह बता सकता है। उस पर पुलिस कमिश्नर से मैं बात कर सकता हूं। जाहिर सी बात है मैं भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता को वरीयता दूंगा। अगर महानगर अध्यक्ष मुझे इस बारे में लिखित में अवगत कराते तो मैं पुलिस कमिश्नर से जरूर बात करता।"