बड़ी खबर: जेवर एयरपोर्ट की जमीन से गुजरने वाली 4 नहरों की शिफ्टिंग शुरू, पढ़िए पूरी खबर

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो



जेवर में प्रस्तावित Noida International Airport परियोजना की जमीन से होकर गुजरने वालीं नहरों (वाटर बॉडीज) को शिफ्ट करने का काम शुरू हो गया है। यह काम उत्तर प्रदेश का सिंचाई विभाग करेगा। विकासकर्ता कंपनी को जमीन पर कब्जा देने से पहले इस तरह के काम पूरे कराए जाने हैं। इन कामों को प्रशासन प्राथमिकता के आधार पर कर रहा है, ताकि परियोजना को समय पर पूरा कराया जा सके। दूसरी ओर नेहरू की शिफ्टिंग पर आने वाले खर्च की जिम्मेदारी Yamuna Expressway Industrial Development Authority (YEIDA) उठाएगा।

Jewar Airport के लिए पहले चरण के लिए 1,334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। यह जमीन छह गांवों की है। प्रशासन ने जमीन का अधिग्रहण करके यमुना प्राधिकरण को सौंप दी है। प्राधिकरण ने जमीन की हदबंदी करके पूर्व सैनिकों को तैनात कर दिया है, ताकि किसी तरह का अतिक्रमण ना हो सके। अब विकासकर्ता कंपनी को जमीन सौंपने से पहले परियोजना से संबंधित कामों को पूरा कराया जा रहा है। 

यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक परियोजना में आने वाली वाटर बॉडीज (नहर, नाला) आदि को शिफ्ट किया जा रहा है। यह काम उत्तर प्रदेश का सिंचाई विभाग कर रहा है। नहरों को परियोजना से बाहर शिफ्ट किया जाएगा ताकि पारिस्थितिकी पर प्रतिकूल असर नहीं पड़े। दूसरी ओर एयरपोर्ट के विकास में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी। इसके लिए सिंचाई विभाग ने काम शुरू कर दिया है।

इन वाटर बॉडीज को शिफ्ट करने का काम शुरू किया गया

  1. पाथवा नाला: यह नाला 74.4 किलोमीटर लंबा है। 49 किलोमीटर से 54.4 किलोमीटर के बीच का हिस्सा जेवर एयरपोर्ट परियोजना में आ रहा है। यह हिस्सा ही शिफ्ट किया जाएगा। यह प्राकृतिक नाला है। इसको शिफ्ट करने में करीब 25 करोड़ रुपये खर्च होंगे। नाला-नहरों को शिफ्ट करने का काम सिंचाई विभाग करेगा और यह काम शुरू हो गया है।
  2. बाजौता डिस्ट्रीब्यूटरी: बाजौता डिस्ट्रीब्यूटरी 23 किलोमीटर लंबी है। जीरो प्वाइंट से 0.0450 किलोमीटर का हिस्सा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर में आ रहा है। यही हिस्सा शिफ्ट किया जाएगा। इसके रेगुलेटर को भी डायवर्ट किया जाएगा। इस काम को प्राथमिकता के आधार पर कराया जाना है।
  3. दयानतपुर माइनर: दयानतपुर माइनर करीब 3 किलोमीटर लंबी है। 1.765 से 3.1 किलोमीटर का हिस्सा जेवर एयरपोर्ट की परियोजना में आ रहा है। इसका सर्वे पूरा हो चुका है। दयानतपुर माइनर की शिफ्टिंग का काम सिंचाई विभाग पूरा करेगा।
  4. किशोरपुर माइनर: किशोरपुर माइनर करीब 4.8 किलोमीटर लंबी है। करीब-करीब इसका पूरा हिस्सा एयरपोर्ट परियोजना में आ रहा है। इस माइनर को भी परियोजना से बाहर शिफ्ट किया जाएगा। शिफ्टिंग के दौरान इस बात का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा कि माइनर को स्वरूप ना बिगड़ने पाए।

यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुण वीर सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट परियोजना में आने वाली वाटर बॉडीज को शिफ्ट किया जाएगा। शिफ्टिंग का काम शुरू हो गया है। यह काम सिंचाई विभाग कर रहा है। जेवर एयरपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी ज़्यूरिख़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी को दी गई है। वहां प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने से पहले संभावित बाधाओं को दूर करने का काम किया जा रहा है। इस पर आने वाले खर्च नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट अथॉरिटी लिमिटेड वहन करेगी।

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