Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
रविवार यानी 21 जून को आषाढ़ अमावस्या पर लगने वाला कंकणाकृति खण्डग्रास सूर्य ग्रहण 900 साल बाद लग रहा है। यह ग्रहण रविवार को लग रहा है, इसलिए इसे चूड़ामणि ग्रहण कहा जा रहा है। इससे पहले 5 जून को चंद्र ग्रहण लग चुका है। एक ही महीने में दो ग्रहण लगने की स्थिति सही नहीं है। वहीं, ज्योतिषियों के अनुसार एक ही माह में दो ग्रहण प्राकृतिक आपदाओं के साथ ही महामारी लेकर आते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार इस अमावस्या पर यह ग्रहण लगने के कारण अमावस्या का श्राद्ध कर्म ग्रहण के बाद होगा।
ग्रहण से पहले और बाद में करें स्नान
ग्रेटर नोएडा में प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पण्डित प्रेमानन्द कौशिक का कहना है, ग्रहण से पहले एक बार स्नान कर लें। उसके बाद ग्रहण के दौरान भगवान का जाप करें। इससे भगवान को बल मिलता है। इसके बाद दोबारा स्नान करने के बाद मंदिर में अमावस्या का दान पुण्य करना चाहिए।
पण्डित प्रेमानन्द कौशिक के अनुसार मिथुन राशि में होने जा रहे इस ग्रहण के समय मंगल जल तत्व की राशि मीन में स्थित होकर सूर्य, बुध, चंद्रमा और राहु को देखेंगे, जो अशुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि राहु और केतु तो सदैव उल्टी चाल ही चलते हैं, तो इस लिहाज से कुल छह ग्रह वक्री रहेंगे। यह स्थिति पूरे विश्व में उथल-पुथल मचाएगी।
यह सूर्य ग्रहण 6 घंटे लंबा होगा
प्रेमानन्द कौशिक ने बताया कि यह सूर्य ग्रहण 21 जून को सुबह 9:15 बजे ग्रहण शुरू हो जाएगा और दोपहर 12:10 बजे पूर्ण ग्रहण दिखेगा। इस दौरान कुछ देर के लिए हल्क अंधेरा सा छा जाएगा। इसके बाद 03:04 बजे ग्रहण समाप्त होगा। यानी करीब 6 घंटे का लंबा यह ग्रहण होगा। लंबे ग्रहण की वजह से पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है।
20 जून को लगेगा ग्रहण सूतक काल
21 जून को पड़ने वाले ग्रहण का सूतक काल 20 जून को सुबह 09:15 बजे लग जाएगा। यह सूतक काल 22 जून को सुबह 9 बजे तक रहेगा। प्रमुख मंदिर और धार्मिक स्थल सूतक काल के दौरान बंद रहेंगे। यह सूतक काल करीब 48 घंटे तक चलेगा। ज्योतिष आचार्यों का कहना है कि जिस तरह के योग इस बार के सूर्य ग्रहण पर बन रहे हैं, ऐसा 900 साल बाद हो रहा है। बड़ी बात यह है कि यह सूर्य ग्रहण रविवार को हो रहा है। दरअसल ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक रविवार भगवान सूर्य देव का दिन है।