Tricity Today | Amfan Super Cyclone satellite image
कोरोनावायरस से जूझ रहे भारत के 8 राज्यों को अब एक नई समस्या से भी जूझना पड़ेगा। बंगाल की खाड़ी में पैदा हुआ सुपर साइक्लोन तूफान समुद्र तट की ओर बढ़ रहा है। यह तूफान बुधवार की शाम समुद्र तटों से टकराएगा। जिससे भारी तबाही की आशंका बनी हुई है। इसकी भयावहता बताने और बचाव के बारे में जानकारी देने के लिए मंगलवार की दोपहर नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स और मौसम विभाग के मुखियाओं ने संयुक्त रूप से दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। जिसमें बताया गया है कि 200 से 240 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से यह सुपर साइक्लोन भारत के पूर्वी तटों से टकराएगा।
यह सबसे तीव्र चक्रवात है। यह 1999 के बाद दूसरा सुपर चक्रवात है, जो बंगाल की खाड़ी में बना है। समुद्र में अभी इसकी हवा की गति 200-240 किलोमीटर प्रति घण्टा है। यह उत्तर पश्चिमोत्तर दिशा की ओर से आगे तटवर्तीय इलाके की ओर बढ़ रहा है। मंगलवार को प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (Press Information Bureau) में मौसम विभाग के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कॉन्फ्रेंस के दौरान यह जानकारी दी।
दूसरी ओर इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचक बल (National Disaster Response Force) के चीफ एसएन प्रधान ने बताया, "हमने अतिरिक्त बैकअप रखा है। 6 एनडीआरएफ बटालियन (11, 9, 1, 10, 4, 5) को इसके लिए तैयार कर लिया गया है। 11वीं बटालियन वाराणसी में है। 9वीं बटालियन पटना में, गुवाहाटी में पहली, विजयवाड़ा में 10वीं, अरक्कोणम में चौथी और पुणे में 5वीं बटालियन है। उनके पास सैन्य हवाई अड्डे हैं और सैनिकों को छोटे से नोटिस पर लाया जा सकता है।"
एसएन प्रधान ने बताया कि हर बटालियन में 4 टीमें होती हैं। इसलिए स्टैंडबाय पर 24 टीमें होती हैं। ओडिशा में 15 टीमें तैनात हैं। वे जागरूकता ड्राइव, संचार ड्राइव और निकासी कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल में 19 टीमें तैनात हैं। 2 टीम वहां स्टैंडबाय में रखी गई हैं। हमें अभी दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। एक और COVID-19 और अब सुपर साइक्लोन आ रहा है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और भारतीय मौसम विभाग ने मंगलवार की दोपहर पीआईबी में अम्फान सुपर साइक्लोन के बारे में मीडिया को जानकारी दी है।
दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में इसका असर दिखने लगा है। वहां उत्तर 24 परगना जिले में भारी वर्षा हो रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी मंगलवार की दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। सीएम ने बताया कि अब तक 3 लाख लोगों को निकाला गया है। इन सारे लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है। सुपर साइक्लोन अम्फ़ान उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ रहा है। आंशिक रूप से तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश को छूकर गुजरेगा।
भाजपा लोगों के साथ खड़ी है: जेपी नड्डा
बंगाल और उड़ीसा की ओर बढ़ रहे हैं सुपर साइक्लोन अम्फान को लेकर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। जेपी नड्डा ने कहा, "भाजपा कार्यकर्ताओं को राहत कार्यों और लोगों की निकासी प्रक्रिया में उनके प्रशासन के साथ सहयोग करने के लिए एक स्पष्ट निर्देश दिया गया है। हम पूरे मनोयोग के साथ पश्चिम बंगाल और उड़ीसा की सरकारों को सहयोग देंगे। भारतीय जनता पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने और राहत शिविरों में सेवा करेगा।
आपको बता दें कि बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान अम्फान (Cyclone Amphan) पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तट की ओर तेजी से बढ़ रहा है। मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक अगले कुछ घंटों में यह बहुत ज्यादा खतरनाक रूप ले सकता है। बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान अम्फान सुपर साइक्लोन में तबदील हो गया है। करीब 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ ये तूफान अगले 48 घंटे में यानी 20 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट से टकरा सकता है।
आईएमडी चीफ ने बताया कि चक्रवाती तूफान अम्फान अब सुपर साइक्लोन में बदल गया है। जो पश्चिम बंगाल और ओडिशा तट की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच तैयारियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई और तैयारियों का जायजा लिया है। जिसमें गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के कई अधिकारी शामिल हुए।
केंद्र सरकार ने कई राज्यों में अलर्ट जारी किया है
चक्रवाती तूफान अम्फान का असर देश के 8 राज्यों पर पड़ सकता है। जिसे लेकर केंद्र की ओर से कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान की आशंका को देखते हुए पूर्वी तटों के राज्य तमिलनाडु और पुडुचेरी से लेकर आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और आस-पास के तटीय इलाकों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, ओडिशा के तटीय जिले हाई अलर्ट पर हैं। मौसम विभाग की ओर से मछुआरों को 18 से 20 मई के बीच ओडिशा और बंगाल के तटों और समंदर किनारे नहीं जाने की सलाह दी गई है।