सुरेंद्र सिंह नागर ने नेफोमा के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की, ग्रेटर नोएडा वेस्ट से जुड़े बड़े मुद्दे उठे

Tricity Today | Surendra Singh Nagar MP



भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुरेन्द्र सिंह नागर ने फ्लैट बॉयर्स एसोसिएशन नेफोमा की टीम के साथ गुरूवार की दोपहर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। ग्रेटर नोएडा वेस्ट क्षेत्र की समस्याओं को सुना और लॉकडाउन की वजह से फंसे मजदूरों को लेकर चर्चा हुई।

नेफोमा ने सांसद को बताया कि उनकी रसोई बराबर 27 दिन से खाने की व्यवस्था कर रही है। इस पर सांसद ने नेफोमा टीम की तारीफ की। नेफोमा के सदस्यों ने सुरेंद्र सिंह नागर के साथ इन मुद्दों पर चर्चा की। सुरेन्द्र नागर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने वालो में नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान, महासचिव रश्मि पांडेय, सदस्य महावीर ठस्सू, उमेश सिंह, नितिन राणा, श्याम गुप्ता, राज चौधरी, विनीत श्रीवास्तव, अभय जैन, अमित कुलश्रेष्ठ ने भाग लिया।

इन मुद्दों पर हुई सांसद से चर्चा

  1. ग़ौर सिटी और आसपास के क्षेत्रों में 5 किलोमीटर के एरीया में एक या दो एम्बुलेंस होनी चाहिए। क्योंकि ज़रूरत पड़ने पर एम्बुलेंस काफ़ी देरी से आती हैं। यहां आसपास काफ़ी बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं हैं, जिनको हॉस्पिटल जाने की आवश्यकता कभी भी पड़ जाती है। किंतु, सुविधा मिलने में बहुत देरी हो जाती है। सांसद से मांग की कि 24/7 एक एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाए। एम्बुलेंस के नम्बर भी जारी किए जाएं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर तुरंत सहायता मिल सके।
  2. हॉस्पिटल में जो अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिल रही है, ख़ासकर महिलाओं को, उनकी जांच किसी महिला डॉक्टर द्वारा ही सुनिश्चित की जानी चाहिए। जांच के समय महिला नर्स साथ में हो क्योंकि कई बार इस दौरान लोगों को असहजता महसूस हुई है।
  3. विभिन्न सोसायटी में उचित तरह से लॉकडाउन का पालन नहीं हो रहा है। लोग अभी भी सोसायटी के पार्क में बिना मास्क और बिना सामाजिक दूरी बनाए घूमते रहते हैं। ऐसी स्थिति में हम सभी को गम्भीर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।
  4. पुलिस अपना कार्य अच्छा कर रही है फिर भी लॉकडाउन का ठीक से पालन करने के लिए नियमों का सख़्ती से पालन करवाया जाए।
  5. ज़्यादातर बिल्डर मेंटिनेंस की डिमांड कर रहे हैं, जबकि लोग क्लब, स्विमिंग पूल और जिम इत्यादि का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। फिर इस तरह की डिमांड करना अनुचित है।
  6. मौसम के बदलाव के साथ-साथ मच्छरों और मक्खियों का प्रकोप बढ़ गया है। ख़ाली पड़े प्लॉट में मच्छर पनप रहे हैं। बड़े-बड़े नाले गंदे पड़े हैं। इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की।
  7. ज़्यादातर स्कूलों ने फ़ीस में बढ़ोतरी कर दी है। बस फ़ीस, वार्षिक फ़ीस और अन्य चार्जेज़ की माग़ की जा रही है। जो कि सरासर अनुचित है। कोरोना के इस संकटकाल में जब सारी अर्थव्यवस्था चरमरा चुकी है और बच्चों को सिर्फ़ ऑनलाइन क्लास से पढ़ाया जा रहा है, जो पूरी तरह से सफल भी नहीं है, फिर फ़ीस पूरी क्यों मांगी जा रही है। हम मांग करते हैं की लॉकडाउन पीरियड में फ़ीस माफ़ की जाए। साथ ही साथ किसी भी अध्यापक की सैलरी भी न काटी जाए।
  8. विभिन्न रसोईयों से खाना वितरित किया जा रहा है, उनके खाने की गुणवत्ता की जांच करना ज़रूरी है। कुछ दिन पहले हमारे पास खाने के पैकेट्स की डिमांड आयी, जिसमें वितरित किया हुआ भोजन ख़राब निकला था।

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