Tricity Today | ये हैं जेवर एयरपोर्ट के भूमि अधिग्रहण को विवाद में डालने वाले लोग
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ी पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण चलती रही। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को 94 फीसदी जमीन पर कब्जा भी मिल चुका है। सोमवार बाकी महज 6 फीसदी भूमि पर कब्जा लेने पहुंचे अफसरों पर किसानों ने पथराव कर दिया। ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि कुछ लोग इस परियोजना में खलल डालना चाहते हैं। इसमें वह लोग शामिल हैं, जिन्होंने निवेश के नजरिये से जेवर एयरपोर्ट के इलाके में पहले ही जमीन खरीद ली थी। अब करोड़ों रुपये मुआवजा उठाया है। वही लोग अब इन उपद्रवी किसानों के पीछे खड़े हैं। जानकारी यह भी मिल रही है कि उपद्रव को फंडिंग भी की जा रही है।
इस उपद्रव को करवाने के पीछे मुआवजा बढ़वाना है, जिससे निवेश करने वालों को और ज्यादा फायदा होगा। निवेश करने वालों में कई नेता भी शामिल हैं। जिला प्रशासन, पुलिस और विकास प्राधिकरण में तैनात रहे अफसरों के रिश्तेदार भी निवेशकों में शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए शांतिपूर्ण ढंग से जमीन किसानों ने दी है। मुआवजा वितरण करने में जिला प्रशासन ने पारदर्शिता बरती। जिससे उत्तर प्रदेश सरकार की अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय निवेशकों के बीच छवि अच्छी बनी है। इस छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है।
जेवर एयरपोर्ट के लिए जब किसान जमीन देने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे तो जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह गांव-गांव घूमे। किसानों से निवेदन किया और झोली फैलाकर जमीन मांगी थी। धीरेंद्र सिंह किसानों को साथ लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास गए थे। वहां किसानों ने अपनी जमीन सीएम को सौंपी थी। इससे धीरेंद्र सिंह के राजनीतिक कद में इजाफा हुआ है। कुछ नेता धीरेंद्र सिंह के बढ़ते कद से भी परेशान हैं। उपद्रव के पीछे धीरेंद्र सिंह की छवि को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश है।
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