सुशांत की मौत को आत्महत्या बता कर सच छिपाने की कोशिश की गई: इशकरन सिंह भंडारी

देश | 4 साल पहले | Harish Rai

Google Image | सुशांत सिंह राजपूत



सर्वोच्च न्यायालय में देश के प्रमुख अधिवक्ता, राजनीति और आर्थिक जगत में अलग पहचान रखने वाले सुब्रमण्यम स्वामी के सहायक इशकरण सिंह भंडारी ने आरोप लगाया कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत को आत्महत्या करार देकर इसे निपटाने के प्रयास किए गए। इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (आईएमएस) नोएडा में सुशांत सिंह राजपूत केस में अधिवक्ताओं के समक्ष चुनौतियां विषय पर एक वार्ता का आयोजन किया गया था। इशकरण सिंह भंडारी इसी कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित कर रहे थे।


शुक्रवार को आयोजित इस ऑनलाइन संवाद कार्यक्रम में अधिवक्ता इशकरण सिंह भंडारी, आईएमएस की डीन डॉ. मंजू गुप्ता, डीन लॉ फैकेल्टी डॉक्टर के एस भाटी, शिक्षक और भारी संख्या में लॉ की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए डॉ. मंजू गुप्ता ने बताया कि इस संवाद का मकसद छात्रों को सुशांत सिंह राजपूत के केस में आने वाली तमाम परेशानियों व चुनौतियों से परिचित कराना है।

इशकरन सिंह भंडारी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर छात्र और आज का युवा जागरुक नहीं होता तो सुशांत की मौत का रहस्य उनके साथ ही दफन हो जाता। परंतु युवाओं और छात्रों की देशव्यापी मांग ने मामले की सीबीआई जांच के लिए मजबूर किया। ये छात्रों और युवाओं की वजह से संभव हो पाया। न्याय के लिए उठी इन आवाजों ने पूरे देश में एक जस्टिस मूवमेंट का रूप ले लिया है और न्याय मिलने की आस जग गई है। 


उन्होंने जोर दिया कि ऐसे दूसरे सैकड़ों मामले हैं जिनमें अधिवक्ताओं को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ मंजू गुप्ता ने कहा कि आईएमएस का उद्देश्य भविष्य के अधिवक्ताओं को वर्तमान परिवेश एवं चुनौतियां से परिचित कराना है। इससे भविष्य के अधिवक्ता उन हालातों से सफलतापूर्वक निपट सकेंगे और न्याय की आवाज हमेशा बुंलद रहेगी।

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